नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने कैदियों के अधिकार की रक्षा करने वाले कानून का उल्लंघन कर 'लचर तरीके' से काम करने के लिए तिहाड़ जेल के अधिकारियों को फटकार लगायी और जेल प्रशासन को पॉलीसाईथेमिया से पीड़ित भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद का एम्स में इलाज कराने का निर्देश दिया।
आजाद को पुरानी दिल्ली के दरियागंज इलाके में संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हिंसा के संबंध में गिरफ्तार किया गया। मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अरुल वर्मा ने बृहस्पतिवार को आजाद की याचिका पर सुनवाई करते हुए उनके पॉलीसाईथेमिया का समुचित उपचार एम्स में कराने का निर्देश दिया जहां पहले भी उनका उपचार हुआ था।
पॉलीसाईथेमिया एक प्रकार का रक्त विकार होता है। अदालत ने कहा कि आजाद की स्थिति के बारे में जानने के बावजूद उनको सामान्य चिकित्सा सुविधा दी गयी और उनकी बीमारी के लिये उपचार मुहैया नहीं कराया गया। अदालत ने कहा कि प्रशासन ने 'लचर तरीके' से काम किया और कानून का उल्लंघन किया, जिसके तहत नागरिकों, कैदियों के अधिकारों की रक्षा होती है।