नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कश्मीर में पाबंदी हटाने की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अपने सभी आदेशों को दोबारा देखे सरकार। कोर्ट ने कहा कि गैरजरूरी आदेशों को वापस ले सरकार। इंटरनेट को अनिश्चितकाल के लिए बंद नहीं कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि यह कोई संदेह नहीं है कि एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में बोलने की स्वतंत्रता अनिवार्य तत्व है।
इंटरनेट का उपयोग करने का अधिकार अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत एक मौलिक अधिकार है। जस्टिस एनवी रमण, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस बी आर गवई की तीन सदस्यीय पीठ ने इन प्रतिबंधों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे हैं।