नई दिल्ली। JNU में हुई हिंसा को लेकर शिवेसना ने अपने मुखपत्र सामना के माध्यम से केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। सामना में लिखा है कि, 'ढंके हुए चेहरेवाली एक टोली विद्यापीठ में घुसी और वहां के विद्यार्थियों के होस्टल पर हमला कर दिया। इस हमले में सैकड़ों विद्यार्थी और शिक्षक जख्मी हो गए. चेहरे पर बुर्का पहनकर अंधेरे में हमला करना मर्दानगी नहीं।
शिवसेना ने आगे लिखा है कि 'इसलिए ऐसे चेहरों को बेनकाब करने की जरुरत है। 26/11 के मुंबई के आतंकवादी इसी तरह मुंह ढंककर आए थे। अब 'जेएनयू' में वही तस्वीर देखने को मिल रही है। ये कानून की धज्जियां उड़ानेवाली घटना है।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा कि, 'देश के विद्यापीठों को सियासत से दूर रहने की जरुरत है। यहां सिर्फ विद्यार्जन का ही कार्य होना चाहिए, ऐसा भाजपा ने कहा है। किन्तु पिछले 5 वर्षों में विद्यापीठों में राजनीति और हिंसाचार कौन ले आया?
शिवसेना ने लिखा है कि 'जो हमारी विचारधारा के नहीं हैं उन्हें उखाड़ फेंकना और उसके लिए सत्ता का इस्तेमाल करने की नीति कौन अपना रहा है? नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का विरोध करनेवाले विद्यार्थी देशद्रोही हैं। दरअसल, ऐसा कहना ही देशद्रोह है।