नई दिल्ली। राज्यसभा में अल्पमत में होने के बावजूद सरकार ने बहुमत के आंकड़े के साथ नागरिकता संशोधन विधेयक को पारित कराने में सफलता हासिल की है। भाजपा से अलग हुई शिवसेना की कमी भी सरकार को नहीं खली और उसने दूसरे दलों को साथ कर अपना आंकड़ा कम होने के बजाय और बढ़ा दिया। पूर्व में इस विधेयक का विरोध करने वाले दो दल राजग का हिस्सा जदयू और विपक्षी खेमे के बीजद ने खुलकर समर्थन किया। शिवसेना भी विधेयक के खिलाफ जाने के बजाय सदन से वाक आउट कर गई। दूसरी तरफ विपक्ष अपने आंकड़े को बढ़ाने में नाकामयाब रहा। इसके पहले अनुच्छेद 370 को हटाने के मुद्दे पर भी सरकार ने विपक्ष को राज्यसभा में लगभग इतने ही अंतर से मात दी थी।
विपक्ष के लिए राज्यसभा में यह दूसरा बड़ा झटका है वहीं , भाजपा के लिए एक और बड़ी सफलता।वह भी तब जबकि उसका एक घटक दल शिवसेना विपक्षी खेमे के साथ खड़ा था। पार्टी ने शिवसेना की कमी दूसरे दलों को साध कर पूरी की और अपने को कहीं से भी कमजोर नहीं होने दिया । सबसे ज्यादा मुकसान कांग्रेस को हुआ। वह पूरे विपक्ष को साथ नहीं रख सकी। दूसरी तरफ भाजपा को इस बार विपक्षी खेमे के कुछ दलों को सदन से अनुपस्थित रखने की जरूरत भी नहीं पड़ी। आने वाले दिनों में राज्यसभा का गणित अब सरकार के लिए और मुफीद रहेगा । विपक्ष लगातार दूसरी बार ऐसे बड़े मुद्दे पर असफल रहा।