नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय में ‘बार एवं बेंच’ के बीच तनातनी का मामला गुरुवार को तब सुलझ गया कि जब न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने कहा कि वह भी बार के सदस्य रहे हैं और यदि उनकी बात से किसी को चोट पहुंची है तो खेद व्यक्त करते हैं। एक मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति मिश्रा और वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन के बीच मंगलवार को गर्मागर्म बहस हो गई थी और श्री शंकरनारायणन अदालत कक्ष से गुस्से में बाहर आ गए थे।
सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड्स ने न्यायालय के इस व्यवहार के खिलाफ बुधवार को आपत्ति दर्ज कराई थी। आज बार के तमाम वरिष्ठ सदस्य बेंच के समक्ष उपस्थित गहरी आपत्ति जताई। इसकी शुरुआत वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने की और अभिषेक मनु सिंघवी उसे आगे बढ़ाया। सिब्बल ने कहा कि बार और बेंच को ‘हतोत्साहित करने वाले वातावरण’ से बचाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हतोत्साहित करने वाला माहौल नहीं होना चाहिए। थोड़ा धैर्य रखें। हम केवल एक दूसरे से विनम्र व्यवहार रखने का अनुरोध करते हैं।’’