नई दिल्ली। मालेगांव बम धमाकों की आरोपी और भोपाल से बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर को डिफेंस पैनल में शामिल किया गया है, जिसे लेकर एक नया विवाद पैदा हो गया है। न्यूज एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, 21 सदस्यीय संसदीय कमेटी का नेतृत्व केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कर रहे हैं। इस कमेटी में विपक्षी नेता फारूक अब्दुल्ला, टीएमसी के सौगत रॉय, डीएमके के ए. राजा और राकांपा के अध्यक्ष शरद पवार भी हैं।
फिलहाल प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर गैरकानूनी गतिविधियां (निरोधक) एक्ट के तहत कई मामलों में मुकदमा चल रहा है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने बीजेपी की मौजूदा सांसद प्रज्ञा ठाकुर को अप्रैल, 2017 में खराब स्वास्थ्य के आधार पर जमानत दे दी थी। इससे पहले एनआईए ने प्रज्ञा पर महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट के तहत आरोप दर्ज किए थे। जमानत पर रिहा होने के बाद भोपाल से प्रज्ञा ठाकुर लोकसभा चुनाव में भोपाल से बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरी थीं और जीत हासिल की थी।
जमानत पर रिहा होने के बाद से लगातार प्रज्ञा विवादों में रही हैं। लोकसभा में उनके शपथ लेने के समय विवाद खड़ा हो गया था। उन्होंने अपना नाम साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर पूर्णचेतनानंद अवधेशानंद गिरी बोला था। इतना ही नहीं शपथ लेने के बाद उन्होंने भारत माता की जय भी बोला। कांग्रेस समेत लोकसभा सदस्यों ने उनके नाम पर आपत्ति जताई थी। बाद में स्पीकर के हस्तक्षेप के बाद यह मामला शांत हुआ था।
लोकसभ चुनाव प्रचार के दौरान साध्वी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था। चुनाव प्रचार के दौरान ही उन्होंने महाराष्ट्र एटीएस के पूर्व प्रमुख हेमंत करकरे को लेकर विवादित बयान दिया था। दोनों बयानों के बाद विवाद खड़ा हो गया था। विपक्ष ने प्रज्ञा ठाकुर की कड़ी आलोचना करते हुए माफी की मांग की थी। विवादों में फंसता देख बीजेपी ने नोटिस जारी कर प्रज्ञा ठाकुर से बयानों के लिए माफी मांगने के लिए कहा था।