नई दिल्ली। भारत अपने प्रमुख मिसाइल परीक्षण केन्द्र चांदीपुर को सिंगापुर के रक्षा प्रतिष्ठानों के लिए खोल सकता है। दोनों देशों ने आज इस बारे में करार पर हस्ताक्षर की दिशा में पहला कदम उठाते हुए एक इच्छा पत्र पर हस्ताक्षर किये। सिंगापुर की यात्रा पर गये रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सिंगापुर के उनके समकक्ष डा एनजी इंग हेन की मौजूदगी में आज इस इच्छा पत्र पर हस्ताक्षर किये गये। सिंह ने रक्षा परीक्षण ढांचागत योजना के तहत सिंगापुर के साथ मिलकर संयुक्त परीक्षण केन्द्र की स्थापना की भी पेशकश की। दोनों रक्षा मंत्रियों ने आज चौथे सिंगापुर-भारत रक्षा मंत्री संवाद की सह-अध्यक्षता की और रक्षा संबंधों की मजबूती पर संतोष व्यक्त करते हुए क्षेत्र में स्थिरता को बढावा देने के प्रति वचनबद्धता प्रकट की।
उन्होंने रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में परस्पर सहयोग में प्रगति की सराहना की। इस बैठक के बाद दोनों मंत्रियों की मौजूदगी में एक इच्छा पत्र पर हस्ताक्षर किये गये। यह भारत के ओडिशा स्थित अपने प्रमुख मिसाइल परीक्षण केन्द्र चांदीपुर को सिंगापुर के रक्षा प्रतिष्ठानों के लिए खोलने के लिए किये जाने वाले करार की दिशा में पहला कदम है। ंिसह ने भारत की रक्षा परीक्षण ढांचागत योजना के तहत सिंगापुर के साथ मिलकर संयुक्त परीक्षण केन्द्र की स्थापना की भी पेशकश की। डा एनजी ने इसकी संभावनाओं का पता लगाने पर सहमति जतायी। दोनों पक्ष कृत्रिम बौद्धिकता,आंकडों को साझा करने और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं का पता लगाने पर भी सहमत हुए।
दोनों देशों के बीच पांचवां रक्षा मंत्री स्तरीय संवाद परस्पर सुविधाजनक तारीख पर अगले वर्ष भारत में होगा। दोनों मंत्रियों ने समुद्री क्षेत्र में बढते सहयोग पर भी संतोष व्यक्त किया। सिंगापुर के रक्षा मंत्री ने उनके देश की सशस्त्र सेनाओं को प्रशिक्षण में सहयोग में भारत की भूमिका की सराहना की। सिंह ने भारत के समर्थन को दोहराते हुए क्षेत्रीय सुरक्षा तंत्र में सक्रिय भागीदारी के प्रति वचनबद्धता प्रकट की। दोनों देशों के बीच रक्षा मंत्री संवाद की शुरूआत 2015 में हुई थी। बैठक में हिस्सा लेने से पहले सिंह क्रांजि युद्ध स्मारक गये और द्वितीय विश्व युद्ध में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की।