अमृतसर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष, राज्यसभा सांसद एवं जालियांवाल बाग ट्रस्ट के ट्रस्टी श्वेत मलिक ने जालियांवाल बाग से संबंधित राष्ट्रीय स्मारक संशोधन विधेयक पारित किये जाने का स्वागत करते हुए कहा कि किसी भी शहीदी स्थल पर किसी भी राजनीतिक दल का आधिपत्य नहीं होना चाहिए। मलिक ने कहा कि राज्यसभा में पारित हुए राष्ट्रीय स्मारक संशोधन विधेयक में यह प्रावधान रखा गया है कि वर्षों से कांग्रेस अध्यक्ष के जालियांवाला बाग ट्रस्ट में चल रहे चेयरमैन पद को समाप्त किया जाए और उसकी जगह लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को जगह मिलनी चाहिए। उन्होने कहा कि इस विधेयक के पारित होने से अब 72 वर्ष बाद कांग्रेस अध्यक्ष का ट्रस्ट में आजीवन पद खत्म हो गया है।
उन्होंने कहा कि देश की आजादी के लिए तथा अंग्रेजी सरकार के रौलेट एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हजारों मासूम निहत्थे लोगों पर जनरल डायर ने सैनिक कार्रवाई कर सैकड़ों लोगों की हत्या कर दी थी। अपने प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों की धरती जालियांवाला बाग को देश-विदेश का हर आदमी नमन करने आता है और शहीदों को अपने श्रद्धासुमन अर्पित करता है। जालियांवाला बाग को विकसित करने और भारतीय तथा विदेशी सैलानियों को इसके इतिहास से रुबरु करवाने के लिए लगातार प्रयास जारी हैं। मलिक द्वारा सांस्कृतिक मंत्री महेश शर्मा की अध्यक्षता में ट्रस्ट द्वारा जालियांवाल बाग के विकास का ब्लू प्रिंट तैयार करके इसके विकास दस्तावेज को सर्वसम्मति से पारित कर दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र में कांग्रेस सरकार के समय इस ऐहासिक स्थल को नजरअंदाज किया जाता रहा है।
उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जालियांवाल बाग के पहले ट्रस्टी भी थे। आजादी से लेकर 70 साल तक चली कांग्रेस सरकार में लम्बे समय से जालियांवाल बाग की स्थिति बहुत दयनीय बनी हुई थी और सैलनियों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। मलिक ने बताया कि 2016 में ट्रस्टी बनाये जाने के बाद ट्रस्ट के प्रयासों से जालियांवाला बाग के विकास दस्तावेज पारित हो सके हैं। इससे संबंधित दिल्ली में एक उच्च-स्तरीय बैठक सांस्कृतिक मंत्री महेश शर्मा, प्रहलाद पटेल, हरदीप सिंह पुरी की अध्यक्षता में जालियांवाला बाग के विकास से संबंधित आयोजित की गयी जिसमें मलिक, तरलोचन सिंह पूर्व सांसद एवं ट्रस्टी, उषा शर्मा डायरेक्टर ज़नरल पुरातत्व विभाग, जुल्फकार अली क्षेत्रीय प्रमुख पुरातत्व विभाग तथा अन्य पदाधिकरियों ने भाग लिया तथा इस बैठक में आर्किटेक्ट वंदना राज द्वारा जालियांवाल बाग के विकास से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत किये जिन्हें सभी ने सर्वसम्मिति से पारित कर दिया।