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दुश्मनों की खैर नही: पाकिस्‍तान की हर हरकत पर नजर रखेगी ISRO

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Nov 19 2019 12:12PM | Updated Date: Nov 19 2019 12:17PM
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नई दिल्ली। भारत आज के समय में तकनीक के क्षेत्र में लगातार तेजी से विकास कर रहा है। सेना जमीन और आकाश में अपने दुश्मनों पर निगरानी रखने के लिए इसरो की 13 सैटेलाइट का इस्तेमाल करेगी। भारत की स्पेस ऐजंसी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानि इसरो ने सोमवार को फिर से नया रिकॉर्ड बनाया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) नवंबर और दिसंबर महीने में तीन सैटेलाइट्स को लॉन्च करने जा रहा है। इनमें से पहला 25 नवंबर में भेजा जाएगा जिसका नाम कार्टोसैट-3 है। और बाकी की दो दिसंबर में लॉन्च की जाएंगी। भारत के पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी रॉकेट) की मदद से इन सैटेलाइटों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इसके जरिए देश की सीमाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इनके जरिए आसमान से सीमाओं पर नजर रखी जाएगी। इन तीन प्राथमिक उपग्रहों के अलावा, तीन पीएसएलवी रॉकेट दो दर्जन से ज्यादा विदेशी और नैनो और माइक्रो सैटेलाइट्स को लेकर जाएंगे। 
 
पीएसएलवी सी-47 रॉकेट को 25 नवंबर को श्रीहरिकोटा से सुबह के 9.28 बजे लॉन्च किया जाएगा। यह अपने साथ थर्ड कजनरेशन अर्थ इमेजिंग सैटेलाइट कार्टोसैट और अमेरका के 13 कमर्शियल नैनोसैटेलाइट्स को लेकर जाएगा। इसरो के अनुसार 13 अमेरिकी नैनोसैटेलाइट लॉन्च करने की डील पर पहले ही हाल ही में बनाई गई व्यवसायिक शाखा न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड ने की थी। कार्टोसैट-3 को 509 किलोमीटर ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा। स्पेसफ्लाइट के अनुसार इसरो दो और सर्विलांस सैटेलाइट- रीसैट-2बीआर1 और रीसैट-2बीआर2 को पीएसएलवीसी48 और सी49 रॉकेट के जरिए श्रीहरिकोटा से दिसंबर में लॉन्च किया जाएगा।
 
इससे पहले एजेंसी ने 22 मई को सर्विलांस सैटेलाइट रीसैट-2बी और एक अप्रैल को एमिसैट (इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस सैटेलाइट) को लॉन्च किया था। एमिसैट डीआरडीओ की दुश्मनों के रडार पर नजर रखने में मदद करता है। इस ऑपरेशनल सैटेलाइट को लॉन्च करने में छह महीने की देरी चंद्रयान-2 की वजह से हुई। यह इसरो के इतिहास में पहली बार हो कि उसने एक साल में श्रीहरिकोटा से जो सैटेलाइट्स लॉन्च की हैं वह सभी सैन्य उद्देश्य के लिए हैं। ऐसा कहा जाता है कि पाकिस्तान में की गई सर्जिकल स्ट्राइक के लिए कार्टोसैट-1 और 2 उपग्रहों से खुफिया जानकारी जुटाई गई थी। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई थी। कार्टोसैट उपग्रह से किसी भी मौसम में धरती की तस्वीरें ली जा सकती हैं। इसके जरिए आसमान से दिन और रात दोनों समय जमीन से एक फीट की ऊंचाई तक की साफ तस्वीरें ली जा सकती हैं। 
 
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