नई दिल्ली। महाराष्ट्र में कोई भी राजनीतिक दल सरकार बनाने में सफल होता नहीं दिख रहा है। महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन के लिए राज्यपाल की सिफारिश को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। कैबिनेट ने महाराष्ट्र में मंगलवार को राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज कैबिनेट की बैठक बुलाई गई थी, जहां यह फैसला लिया गया। कैबिनेट की अनुशंसा को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेज दिया गया है। इसी कशमकश के बीच सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि आज रात को राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है। वहीं शिवसेना का कहना है कि अगर राष्ट्रपति शासन लगा तो वे कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने देश के वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल से फोन पर बात की है।
इससे पूर्व कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार से बात की। अब सबकी नजरें एनसीपी पर टिक गई हैं। शरद पवार की पार्टी एनसीपी सरकार का नेतृत्व करने में मूड में नहीं है क्योंकि उसे हर हाल में शिवसेना का समर्थन लेना होगा और उद्धव ठाकरे सीएम पोस्ट को लेकर अड़े हुए हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार, उनके भतीजे व पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं और विधायकों ने मंगलवार को सरकार गठन मुद्दे पर चर्चा के लिए यहां एक अहम बैठक की। बैठक से पहले, अजीत पवार ने संकेत दिया कि अगर एनसीपी 288 सदस्यीय विधानसभा में 145 का जादुई आंकड़ा हासिल करने में कामयाब रही, तो वह सरकार बना सकती है, लेकिन आगह किया कि धैर्य रखें।