चेन्नई। तमिलनाडु में विपक्षी दल द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के सभी सात दोषियों के अलावा जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला समेत घरों में नजरबंद सभी नेताओं को रिहा करने की मांग की है। द्रमुक की रविवार को यहां हुई सामान्य परिषद की बैठक में कुल 20 प्रस्ताव पारित किए गए जिसमें इन लोगों की रिहाई की मांग का प्रस्ताव भी शामिल है। बैठक की अध्यक्षता द्रमुक के अध्यक्ष एम के स्टालिन ने की।
द्रमुक ने जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक पार्टियों के नेताओं को हिरासत में लिए जाने की निंदा करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने संविधान के अनुच्छेद-370 को निरस्त करने का फैसला राज्य विधानसभा की सहमति के बिना लिया और राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया। द्रमुक ने कहा कि हिरासत में लिए गए नेताओं के मानवाधिकारों और राज्य की जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए अब्दुल्ला समेत सभी नेताओं को तुरंत रिहा किया जाना चाहिए।
इस बैठक में एक और प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में पिछले करीब 28 वर्षों से जेल में बंद सभी सात दोषियों को भी रिहा करने की मांग की गयी है। द्रमुक ने कहा कि जब राज्य की कैबिनेट संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत एक प्रस्ताव पारित कर चुकी है यह समझ से परे है कि राज्यपाल ने अब तक इस पर कोई निर्णय क्यों नहीं लिया है। द्रमुक ने राज्यपाल से सभी सात दोषियों को तत्काल रिहा करने का आग्रह भी किया।
द्रमुक ने केन्द्र सरकार की योजनाओं में तमिल युवकों के लिए 90 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने की भी मांग की। द्रमुक ने एक अन्य प्रस्ताव पारित कर तमिल भाषा के महान कवि एवं संत तिरुवल्लुवर की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाने वाले अराजक लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।