नई दिल्ली। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि भारतीय रेल वर्ष 2023 तक पूरी तरह विद्युतीकृत हो जायेगी। गोयल ने यहाँ सीईआरएवीक के तीसरे भारतीय ऊर्जा फोरम में मंत्रिस्तरीय बातचीत के दौरान कहा कि इस समय देश ऊर्जा क्रांति के शीर्ष पर है। ऊर्जा हमारे अनेक प्रमुख व्यापारिक सहयोगियों के साथ द्विपक्षीय व्यापार में एक आवश्यक वस्तु बन गई है। हम घरेलू कोयला उत्पादन में सुधार ला रहे हैं, जिससे आयात पर निर्भरता कम होगी और ऊर्जा बास्केट में गैस एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि भारत की रेलवे 2023 तक शत-प्रतिशत विद्युतीकृत होने की राह पर है। आधुनिक प्रौद्योगिकियाँ उत्पादन दक्षता के परिदृश्य को बदल रही हैं।
कार्यक्रम में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, ऊर्जा तथा नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा तथा कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री आर.के. सिंह भी मौजूद थे। प्रधान ने कहा कि हमारे सामने अगले पांच वर्ष में देश को 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था में बदलने का लक्ष्य दिया है। हम इसे हकीकत में बदलने के लिए अनुकूल प्रयास कर रहे हैं और आवश्यक कदम उठा रहे हैं। ऊर्जा क्षेत्र अर्थव्यवस्था को 50 खरब डॉलर तक पहुंचाने के इस निर्धारित लक्ष्य की ओर ले जाने में भारत की यात्रा को ताकत प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि ऊर्जा की भारी मांग और विकास की संभावना को देखते हुए आने वाले दशकों में विश्व की ऊर्जा की मांग में भारत अत्यंत महत्वपूर्ण कारक साबित होगा।
ऊर्जा की इस भारी मांग को पूरा करने के लिए भारत को व्यावसायिक दृष्टि से व्यवहार्य सभी ऊर्जा स्रोतों के स्वस्थ मिश्रण की आवश्यकता होगी। भारत जिम्मेदार तरीके से ऊर्जा के क्षेत्र में बदलाव की अपनी दिशा स्वयं तय करेगा और वैश्विक ऊर्जा में बदलाव को प्रभावित करेगा। जोशी ने कहा कि आज ऐसी प्रौद्योगिकीयां मौजूद हैं जिसकी मदद से कोयले का काफी स्वच्छ और दीर्घकालिक तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है। अगले 20-30 वर्षों के लिए, कोयला भारतीय ऊर्जा परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना जारी रखेगा। हमारा कोयले का प्रति व्यक्ति उपभोग अमेरिका की तुलना में करीब 10 प्रतिशत है। प्रौद्योगिकियों की सहायता से, हम कोयले का इस्तेमाल अधिक साफ-सुथरे तरीके से कर सकेंगे।