नई दिल्ली। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के संभावित भारत दौरे से पहले कश्मीर पर बीजिंग के सुर कुछ बदले से नजर आ रहे हैं. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा कि कश्मीर मुद्दे को द्विपक्षीय बातचीत से सुलझाया जाना चाहिए। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कश्मीर का जिक्र करते वक्त संयुक्त राष्ट्र या सुरक्षा परिषद का कोई जिक्र नहीं किया। सबसे अहम बात यह रही कि चीन की तरफ से जिस वक्त यह बयान दिया गया उस वक्त पाकिस्तान के पीएम इमरान खान चीन में ही थे और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तारीफ कर रहे थे।
शेंग ने कहा, 'हम भारत और पाकिस्तान से कश्मीर मुद्दे समेत सभी मसलों पर बातचीत करने और आपसी विश्वास बढ़ाने की अपील करते हैं।' कश्मीर पर चीन की ओर से दिया गया यह बयान तीन कारणों से बेहद महत्वपूर्ण है. पहला कारण- यह बयान चीन का रिएक्शन पहले की तुलना में बेहद नरम लग रहा है। दूसरा कारण- बयान ऐसे मौके पर आया है, जब इमरान खान चीन में हैं और तीसरा अहम कारण यह है कि बयान शी जिनपिंग के संभावित भारत दौरे से ऐन पहले आया है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कश्मीर का हल भारत-पाक के बीच बातचीत से निकालने की जो बात कही है, वह पहले की तुलना में बेहद सधी हुई है। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद पहली प्रतिक्रिया में चीन ने लद्दाख को अलग कर केंद्रशासित प्रदेश बनाने के भारत के फैसले का विरोध किया था। चीन लद्दाख पर अपना दावा करता है. इस बार चीन ने कश्मीर का जिक्र आने पर लद्दाख की बात नहीं की।