लखनऊ। चिन्मयानंद की तबीयत बिगड़ी, जेल से केजीएमयू में कराया भर्ती । चिन्मयानंद की मेडिकल रिपोर्ट तैयार कर एसआइटी को भेजी जाएगी। अटल सरकार में केंद्रीय गृहराज्य मंत्री रह चुके स्वामी चिन्मयानंद को एसआईटी ने बीते शुक्रवार को गिरफ्तार किया था। वाकई जेल की जिंदगी से पार पाना हर किसी के वश की बात नहीं है। शायद इस कड़वे सच का अनुभव चिन्मयानंद को जेल में गुजरी एक ही काली रात ने करा दिया। शायद यही वजह रही होगी कि कानून की छात्रा से मसाज कराने और उसके साथ दुष्कर्म करने के आरोपी स्वामी की रविवार-सोमवार की रात जेल में कथित रूप से तबियत खराब होने लगी। आनन-फानन में डाक्टरों की टीम ने जांच की, जिसमें सीने में दर्द की शिकायत सामने आई। लिहाजा आरोपी स्वामी चिन्मयानंद को सोमवार को दिन निकलते ही विशेष एंबुलेंस से लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) की ओर रवाना कर दिया गया।
मामले की जांच कर रही एसआईटी के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया, "कुछ ही देर में लखनऊ पहुंचकर स्वामी केजीएमयू में दाखिल हो जाएंगे। देर रात उन्होंने सीने में दर्द की शिकायत की थी।" देर रात चिन्मयानंद के सीने में दर्द की शिकायत मिलते ही शाहजहांपुर जिला जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में आरोपी चिन्मयानंद सरकारी डॉक्टरों की टीम के हवाले कर दिए गए। कुछ देर चली चिकित्सकीय जांच के बाद उन्हें इलाज के लिए लखनऊ स्थित केजीएमयू भिजवाने का इंतजाम करने का फैसला लिया गया।
लिहाजा मामले की गंभीरता के मद्देनजर जेल प्रशासन ने रात में ही स्वामी को केजीएमयू में दाखिल कराने के इंतजाम शुरू कर दिए। सुबह होते ही उन्हें एंबुलेंस से लखनऊ के लिए रवाना कर दिया गया। जिस तरह के भागीरथ प्रयासों के बाद स्वामी चिन्मयानंद को एसआईटी गिरफ्तार करके जेल में डाल पाई थी, पुलिसिया पड़ताल की दुनिया में वो भी एक मिसाल ही थी। वरना चचार्एं यही थीं कि कभी देश की सत्ता के भोग का जायका चख चुके (बहैसियत केंद्रीय गृह राज्यमंत्री) स्वामी जी शायद ही जेल पहुंचाए जा पाएंगे। कानूनी रास्तों पर बेहद सलीके और सधे हुए कदमों से चल रही एसआईटी ने हालांकि अंतत: चिन्मयानंद को जेल में डालकर तमाम चर्चाओं पर विराम लगा दिया था।