नई दिल्ली। मोटर वाहन अधिनियम में किए गए बदलाव के तहत बढ़े जुर्माने को लेकर परेशान आज देशभर में ट्रांसपॉर्ट्रर्स हड़ताल पर हैं। ट्रांसपॉर्ट्रर्स का कहना है चालान की धनराशि इतनी बढ़ा दी गयी है की गाड़ी की कीमत से ज्यादा चालान की राशि हो गई है। जिससे ट्रांसपॉर्ट्रर्स ही नही आम जनता भी परेशान है। दिल्ली और उससे सटे नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद में इस हड़ताल का असर ज्यादा दिख रहा है। हड़ताल समर्थकों द्वारा जबरन कमर्शल वाहनों, खासकर ओला-ऊबर को रुकवाया जा रहा है। इसके साथ सड़क पर उतरे ऑटो को भी जबरन रुकवाने की तस्वीरें सामने आ रही हैं। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कैब्स को रुकवाया गया। इस हड़ताल से सुबह-सुबह ऑफिस के लिए निकले लोगों को खासी परेशान का सामना करना पड़ा। कमर्शियल वाहन चालकों का कहना है कि सरकार पहले सुविधा दे और अपना सिस्टम दुरुस्त करे। उसके बाद इतना भारी चालान लगाएं। दावा किया जा रहा है कि इस हड़ताल में स्कूल बस, ऑटो, टैक्सी, टेम्पो संचालक भी शामिल होंगे, ऐसे में एहतियातन दिल्ली एनसीआर में कुछ स्कूलों ने छुट्टी घोषित कर दी है।
जानकारी के मुताबिक दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद आदि के जिन निजी स्कूलों के पास अपनी बसें नहीं हैं, वह छुट्टी घोषित कर रहे हैं। हालांकि दूसरी तरफ, सरकारी स्कूलों के बारे में अभी दिल्ली सरकार ने या किसी और अथॉरिटी ने कोई घोषणा नहीं की है। हड़ताल सुबह 6 बजे से रात के 10 बजे तक होगी। सोशल मीडिया पर हड़ताल से संबंधित प्रसारित एक पर्चे में कहा गया है कि सरकार ओला और उबर जैसी कंपनियों के खिलाफ सख़्त से सख़्त कानून लाए। साथ ही ओला-उबर की सर्विस दिल्ली-एनसीआर की गाड़ी को ही मिले। इसके अलावा इस पर्चे में यह भी कहा गया है कि एमसीडी को अपनी मनमानी बंद करनी चाहिए और दिल्ली में रजिस्टर गाड़ियों से पैसा लेना बंद करे। इस पर्चे में कमर्शियल वाहन ड्राइवरों से हड़ताल में शामिल होने की अपील की गई है। साथ ही कहा गया है कि कोई भी ड्राइवर गुरुवार को ओला-उबर में भी अपनी सर्विस न दे, अन्यथा नुकसान का वह खुद जिम्मेदार होगा।