केवड़िया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनकी पसंदीदा परियोजना और दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा उनके गृहराज्य गुजरात के नर्मदा जिले में केवड़िया के निकट स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊंची स्टेच्यू ऑफ यूनिटी की लोकप्रियता की तुलना आज पूर्व में विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति रही अमेरिका की स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी से की। मोदी ने आज यहां सरदार सरोवर नर्मदा बांध के पूरी तरह भर जाने के उपलक्ष्य में आयोजित गुजरात सरकार के नमामी देवी नर्मदे महोत्सव कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान कहा कि स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के चलते गुजरात और केवड़िया विश्व पर्यटन मानचित्र पर छा गये हैं। इसके लोकार्पण को 11 माह ही हुए हैं पर अब तक वहां 23 लाख पर्यटक यानी रोजाना औसतन साढ़े आठ हजार देशी-विदेशी पर्यटक आ रहे हैं। पिछले जन्माष्टमी के दिन तो इसे देखने के लिए रिकार्ड 34000 पर्यटक आये थे।
उन्होंने कहा, ‘ यह कितनी बड़ी उपलब्धि है कि अमेरिका के स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी को देखने प्रति दिन औसतन 10 हजार लोग पहुचंते हैं जबकि उसे 133 साल हो चुके हैं पर स्टेच्यू ऑफ यूनिटी को एक साल भी नहीं हुआ और वहां साढ़े आठ हजार पर्यटकों का रोज पहुंचना अपने आप में एक बड़ा अजूबा है।’ मोदी ने कहा कि जब केवड़िया में पर्यटन की सभी परियोजनाएं पूरी हो जायेंगी तो स्थानीय आदिवासियों के लिए रोजगार के अवसर बहुत बढ़ जायेंगे। उन्होंने लोगों से इस इलाके को प्लास्टिक प्रदूषण से बचाने की भी अपील की। इससे पहले मोदी ने स्टेच्यू ऑफ यूनिटी का हेलीकाप्टर से अवलोकन किया और इसका एक मनोहारी वीडियो भी ट्विट किया। ज्ञातव्य है कि मोदी ने ही पिछले साल 31 अक्टूबर को इस प्रतिमा का लोकार्पण किया था। इसने चीन की 153 मीटर ऊंची स्प्रिंगफील्ड बुद्धा की प्रतिमा को पीछे छोड़ दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति होने का गौरव हासिल किया था। अमेरिका के न्यूयार्क स्थित स्टेच्यू ऑफ यूनिटी की कुल ऊंचाई मात्र 93 मीटर है और अब यह सबसे ऊंची मूर्तियों में से चौथे स्थान पर है।