नई दिल्ली। नागर विमानन महानिदेशालय ने चालक दल के सदस्यों के बाद अब ग्राउंड-क्रू तथा एटीसी के कर्मचारियों के लिए भी ‘ब्रेथ एनालाइजर’ टेस्ट का प्रावधान कर दिया है। बीए टेस्ट में यह जाँच की जाती है कि कहीं व्यक्ति शराब पीकर तो ड्यूटी के लिए नहीं आया है। अब तक सिर्फ चालक दल के सदस्यों यानी पायलट और केबिन-क्रू के लिए ही बीए टेस्ट का प्रावधान था। उनके लिए हर उड़ान से पहले यह जाँच अनिवार्य है। डीजीसीए ने ‘सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट्स’ के तहत सोमवार को नये नियम जारी कर तत्काल प्रभाव से ग्राउंड-क्रू और हवाई यातायात नियंत्रण कर्मचारियों के लिए भी इस जांच का प्रावधान कर दिया है, हालांकि उनकी औचक जांच की जायेगी।
इस संबंध में जारी नियमावली में कहा गया है कि हवाई यातायात नियंत्रक, फ्लाइट डिस्पैचर, विमान रखरखाव कर्मचारी हवाई अड्डे के परिचालन से जुड़े कर्मचारी, अग्निशमन एवं बचाव दल के कर्मचारी, हवाई अड्डे पर विभिन्न प्रकार के विशिष्ट वाहन चलाने वाले चालक, हवाई अड्डे पर विभिन्न उपकरण परिचालक और ग्राउंड हैंडलिंग कर्मचारी इसके दायरे में आयेंगे। ग्राउंड-क्रू तथा एटीसी कर्मचारियों में से हर क्षेत्र में काम करने वाले कम से कम 10 प्रतिशत का बीए टेस्ट सुनिश्चित करना उसके नियोक्ता एजेंसी की जिम्मेदारी होगी। जांच में पहली बार शराब के सेवन का दोषी पाये जाने पर या बीए टेस्ट से इनकार करने पर तीन महीने के लिए लाइसेंस निलंबित किया जायेगा। जिन कर्मचारियों के लाइसेंस नहीं होते उनके भी हवाई अड्डों पर ड्यूटी करने पर तीन माह का प्रतिबंध होगा। दूसरी बार गलती करने पर यह कार्रवाई एक साल की अवधि के लिए की जायेगी।