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भारत-स्विट्जरलैंड के बीच सहयोग की असीम संभावनाएं: कोविंद

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 13 2019 1:18AM | Updated Date: Sep 13 2019 1:18AM
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बर्न। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने गुरुवार को कहा कि भारत और स्विट्जरलैंड के बीच विज्ञान और प्रौद्योगिकी समेत विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग की असीम संभावनाएं हैं। कोविंद ने बर्न विश्­वविद्यालय में छात्रों, संकाय के सदस­यों और राजनयिकों को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने इस अवसर पर ‘भारत- स्विट्जरलैंड’ नये युग की साझेदारी विषय पर व्याख्यान भी दिया। राष­ट्रपति ने कहा कि भारत और स्विट्जरलैंड लंबे समय से लोकतांत्रिक मूल्­यों, बहुलवाद और उद्यम को साझा करते आए हैं। दुनिया आज भारत और स्विट्जरलैंड को सराहना भरी नजरों से देख रही हैं। स्विट्जरलैंड दुनिया के सबसे प्राचीनतम लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में से एक है। जहां पर 2000 से ज­यादा कम्­यून लोकतांत्रिक तरीके से काम कर रहे हैं। 

वहीं भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है जहां 90 करोड़ मतदाता हैं। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद तीन देशों आइसलैंड, स्विट्जरलैंड और स्लोवेनिया की यात्रा के पहले चरण में बुधवार को स्विट्जरलैंड पहुंचे थे। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और स्विट्जरलैंड के बीच सांस्कृतिक साझेदारी ने द्विपक्षीय सहयोग के लिए रास्ता बनाया। यह काम दोनों देशों के बीच मित्रता की संधि से भी काफी पहले हो चुका था। मौजूदा समय में स्विट्जरलैंड की 250 से अधिक कंपनियां भारत में काम कर रही हैं। इसी तरह भारत की बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियां ज्­यूरिच, बेसल और बर्न में मौजूद हैं। दोनों देशों के बीच सहयोग और संपर्क बनाने की असीम संभावनाएं मौजूद हैं। भारत और स्विट्जरलैंड के बीच विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में तेजी से सहयोग बढ़ रहा है। 

उन्होंने कहा कि इसी तरह भारत की 80 से ज­यादा वैज्ञानिक संस­थाएं और 300 अनुसंधानकर्ताओं की टीम संयुक्त कार्यक्रम के तहत एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि स्विट्जरलैंड नवाचार के मामले में दुनिया में सबका नेतृत्­व कर रहा है। भारत ‘स­टार्टअप्स और स्मार्ट सोल्यूशन’ के क्षेत्र में भी नई उंचाइयां हासिल कर रहा है। आज दुनिया में भारत के पास स­टार्टअप्स का तीसरा सबसे बड़ा नेटवर्क है। 21000 से ज्यादा उपक्रम रोबोटिक्स और विटिलिगो सहित विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। जलवायु परिवर्तन, मानव स्वास्थ­य सहित कई क्षेत्रों में काम करने के लिए भारत और स्विट्जरलैंड की स्टार्टअप्स कपंनियों ने हाथ मिलाया है। भारत स्विट्जरलैंड के साथ ऐसी कई और क्षेत्रों में भी साझेदारी की उम्मीद करता है।

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