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शाहजहां के पुत्र दारा शिकोह राष्ट्रीयता की पहचान थे : अब्बास नकवी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 12 2019 1:13AM | Updated Date: Sep 12 2019 1:16AM
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नई दिल्ली। केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बुधवार को कहा कि हिन्दुत्व और इस्लाम के सह अस्तित्व पर शांति के संदेश के वाहक एवं सर्व धर्म समभाव के उपासक मुगल सम्राट शाहजहां के पुत्र दारा शिकोह जीते जी अपने भाई औरंगजेब की क्रूरता की बली चढ़े और  मरणोपरांत तथाकथित धर्मनिरपेक्ष इतिहासकारों के असहिष्णुता के शिकार बने। नकवी ने भारत की समन्वयवादी परम्परा के नायक ‘दारा शिकोह’ पर एकेडमिक्स फॉर नेशन द्वारा आज यहां कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में आयोजित संगोष्ठी  में यह बात कही। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि दारा शिकोह कुछ इतिहासकारों की सुनियोजित साजिश के शिकार हुए हैं जिन्होंने उनके संदेश तथा उनकी हिन्दुस्तानी संस्कृति और परंपरा की विचारधारा को इतिहास के पन्नों से गायब कर दिया है। 

ऐसा करके इन इतिहासकारों ने बहुत बड़ा अपराध किया है। उन्होंने कहा कि राज गद्दी के लिए अपने भाई दारा शिकोह का सर कलम करके जेल में बंद अपने पिता शाहजहां के पास भेजने वाला औरंगजेब आतंकवाद का प्रतीक था  और दारा शिकोह राष्ट्रीयता के परिचायक थे। उन्होंने कहा,‘‘ दारा शिकोह ने 52 उपनिषदों का संस्कृत से फारसी में अनुवाद किया था। इससे उनकी सनातन संस्कृति और परंपरा के प्रति  कटिबद्धता प्रतिबिंबित होती है, लेकिन उनकी इन्हीं खूबियों से बौखलाए औरंगजेब ने उन्हें काफिर करार देते हुए उनका सिर कलम करवा दिया।’’ उन्होंने कहा,‘‘ कुछ वामपंथी, सेक्युलर इतिहासकारों की जमात ने अराजक एवं हिंसक औरंगजेब जैसे शासक का महिमामंडन करने का काम किया। 

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