नई दिल्ली। एयरसेल मैक्सिस मामले में राजधानी की एक अदालत ने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका पर फैसला तीन सितंबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया और इस तरह उन्हें तब तक गिरफ्तारी से राहत मिल गयी है। विशेष न्यायाधीश ओ पी सैनी के समक्ष तर्क दिया कि एयरसेल मैक्सिस और आईएनएक्स मीडिया मामले अलग-अलग हैं। प्रवर्तन निदेशालय के वकील ने अदालत को बताया कि दोनों ही मामले विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी से जुड़े हैं। केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय के वकीलों ने इस मामले की यह कहकर सुनवाई स्थगित करने का आग्रह किया कि उनके सामने आईएनएक्स मीडिया को जो दूसरा मामला है, वह उच्चतम न्यायालय के सामने लंबित है।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश ने प्रवर्तन निदेशालय के मामले की सुनवाई स्थगित करने पर कड़ा रूख अपनाते हुए कहा, ‘‘ मेरे लिए चीजें काफी शर्मनाक हो गयी हैं। आप हर दिन के बाद मामले की सुनवाई स्थगित करने का आग्रह करते रहे हैं।’’ इसके बाद सैनी ने दोनों की गिरफ्तारी से बचने की अंतरिम अवधि मामले की अगली सुनवाई तक बढ़ा दी और उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर फैसला तीन सितंबर तक सुरक्षित रख लिया। इस मामले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय को इस तिथि से पहले कभी भी जिरह करने की अनुमति दे दी।