नई दिल्ली। हवाई यात्री सावधान हो जाएं। इन दिनों ऐसे मामले आ रहे हैं कि प्लेन का पायलट जाली दस्तावेजों के सहारे जहाज उड़ाने का लाइसेंस लेने में सफल हो गए हैं। ऐसे में आम नागरिकों के लिए बेहद जरूरी है, क्योंकि हवाई यात्रा करते समय कहीं प्लेन क्रैश ना हो जाएं। माना जा रहा है कि देशभर में लगभग 20 पायलट जाली दस्तावेजों का प्रयोग कर प्लेन उड़ाने का लाइसेंस लेने में सफल हो गए हैं। वर्ष 2010-17 के दौरान लगभग 20 पायलटों ने अपनी शिक्षा और ट्रेनिंग के फर्जी दस्तावेज लगाकर लाइसेंस हासिल किए। किसी पायलट कि इंटर मीडिएट की फर्जी मार्कशीट है तो किसी पायलट ने केंद्रीय परीक्षा संघ के जाली दस्तावेज लगाए। पायलटों ने उड़ान संबंधी अनुभव के भी गलत डॉक्यूमेंट्स जमा किए हैं।
15 पायलट के लाइसेंस रद्द :- नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अंतर्गत डीजीसीए ने इन 20 पायलटों पर कार्रवाई भी की है। 15 पायलटों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए। 1 पायलट को 5 साल, दूसरे को 3 साल और एक अन्य को 2 साल के लिए उड़ान भरने से बैन किया गया है। एक पायलट का एटीपीएल रद्द किया गया और एक अन्य पायलट को सीपीएल में हिस्सा लेने से रोका गया। यही नहीं पिछले 3 साल में 6 अन्य पायलट पर भी जाली दस्तावेजों के आधार पर लाइसेंस के मामले में कार्रवाई हुई है। ये पायलट भी शिक्षा, फ्लाईंग अनुभव और ट्रेनिंग के झूठे दस्तावेज के सहारे लाइसेंस लेने में सफल रहे थे और इन सभी पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कड़े एक्शन लिए हैं। इस बारे में जानकारी नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने लोकसभा में दी।
फर्जी दस्तावेज के आधार पर मिला लाइसेंस :- सवाल यह है कि हमारी एजेंसियों ने फर्ज़ी दस्तावेज़ों के आधार पर पायलट को लाइसेंस कैसे बांट दिया। ऐसे फर्जी पायलट के हाथों में आखिर हम कितने सुरक्षित हैं। देश में कई प्लेन क्रैश कि घटनाएँ हुई हैं।