नई दिल्ली। सरकार ने आज संकेत दिया कि वह अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले के मद्देनजर पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से राजनयिक संपर्क के लिए कोई नई अपील नहीं करेगी और अपेक्षा करेगी कि पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय में लंबित 22 से अधिक अपीलों पर विचार किया जाये। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यहां नियमित ब्रीफिंग में कहा कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले में साफ तौर पर लिखा है कि पाकिस्तान ने विएना संधि का उल्लंघन किया है। अंतरराष्ट्रीय अदालत का फैसला बाध्यकारी है और फैसले को क्रियान्वित करना पाकिस्तान की जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि पूरे फैसले में तीन जगह विएना संधि के उल्लंघन की बात कही गयी है और दो जगह पाकिस्तान को निर्देश दिया गया है कि वह जाधव की मौत की सजा की प्रभावी ढंग से समीक्षा करे। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले को पाकिस्तान द्वारा अपनी जीत बताये जाने के बारे में पूछे जाने पर प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि वे शायद कोई अन्य फैसला पढ़ रहे हैं।
मुख्य फैसला 42 पृष्ठों में आया है। अगर 42 पृष्ठ पढ़ने का धैर्य नहीं है तो फिर वे सात पृष्ठ वाली प्रेस विज्ञप्ति पढ़ सकते हैं जिसके हर बिन्दु में भारत के पक्ष को स्वीकार किया गया है। मुझे लगता है कि उनकी अपनी मजबूरियां हैं जिसके कारण उन्हें अपने लोगों से झूठ बोलना पड़ रहा है।’’ इसबीच विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने जाधव से राजनयिक संपर्क स्थापित करने की नयी अपील भेजे जाने के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि भारत ने पहले ही 22 से अधिक अपील भेजी हुईं हैं और उनकी कोई मीयाद खत्म नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि फैसले में यह कहीं नहीं लिखा है कि भारत को दोबारा राजनयिक संपर्क की अपील करनी चाहिए।