नई दिल्ली। अल कायदा के सरगना अयमन अल जवाहिरी के ताजा वीडियो में जम्मू-कश्मीर में भारतीय फौज को निशाना बनाने के एलान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सरकार ने गुरुवार को कहा कि भारतीय सुरक्षा बल हमारे नागरिकों, देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने में पूर्ण सक्षम है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यहां नियमित ब्रीफिंग में जवाहिरी के ताजा वीडियो के बारे में पूछे जाने पर कहा,‘‘ऐसी धमकियां जो हैं न, हम सुनते रहते हैं, मुझे नहीं लगता इनको गंभीरता से लेना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि अल कायदा संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित एक आतंकवादी संगठन है और उनके आतंकवादी भी प्रतिबंधित हैं। ऐसी धमकियों पर हमें ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है। कुमार ने कहा कि हमारे सुरक्षा बल हमारे नागरिकों की जानमाल की सुरक्षा, देश की संप्रभुता, प्रादेशिक अखंडता का ख्याल रखने का पूरा दमखम रखते हैं।
वीडियो में जवाहिरी के आतंकवादियों से पाकिस्तान की सेना पर विश्वास नहीं करने संबंधी बयान के बारे में पूछे जाने पर प्रवक्ता ने कहा कि वह ऐसी बातों पर टिप्पणी करके किसी को बेवजह महत्व नहीं देना चाहते हैं। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की ताजा रिपोर्ट में जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों की स्थिति के बारे में टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर प्रवक्ता ने दोहराया कि ताजा रिपोर्ट जम्मू-कश्मीर को लेकर झूठी एवं दुष्प्रचार आधारित अवधारणा को बढ़ाने वाली है। रिपोर्ट के निष्कर्ष भारत की संप्रभुता एवं प्रादेशिक अखंडता का उल्लंघन करते हैं और सीमापार आतंकवाद के मुख्य मुद्दे की अनदेखी करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में विश्व के सबसे बड़े जीवंत लोकतंत्र और आतंकवाद को खुल्लम-खुल्ला बढ़ावा देने वाले देश के बीच कृत्रिम समानता बताने की कोशिश की गयी है। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि रिपोर्ट में आतंकवाद को जायज ठहराने की कोशिश की गयी है जो बेहद चिंता की बात है।
यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के रुख के सर्वथा विपरीत है। सुरक्षा परिषद ने पुलवामा हमले की कठोर निंदा की है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को जायज ठहराना संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता के अयोग्य ठहराये जाने का मामला बनता है। प्रवक्ता ने दोहराया कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और पाकिस्तान ने बलपूर्वक उसके एक हिस्से पर अवैध कब्जा किया हुआ है। भारत बार-बार अपील करता रहा है कि पाकिस्तान उस हिस्से से कब्जा छोड़े। उन्होंने इस रिपोर्ट को आयोग की गंभीरता को कम करने वाला और संयुक्त राष्ट्र के विचार से भटका हुआ करार दिया।