नई दिल्ली। केंद्र में सत्तासीन मोदी सरकार 2.0 ने सरकारी संपत्तियों से पैसे जुटाने के लिए एक व्यापक सर्वे शुरू किया है। जिन सरकारी संपत्तियों जैसे रिहायशी मकानों, जमीनों और इमारतों का पूरा इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है, सरकार उसे लीज पर देकर पैसे जुटाने की योजना पर काम कर रही है। कैबिनेट सचिवालय ने तमाम केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) और स्वायत्तशासी संस्थानों को एक पत्र लिखा है, जिसमें उनके पास मौजूद संपत्तियों का ब्योरा देने का निर्देश दिया गया है।
मंत्रिमंडल सचिवालय ने लिखा पत्र- सर्वेक्षण का काम मंत्रिमंडल सचिवालय द्वारा 12 जून को लिखे एक पत्र के साथ ही शुरू हो गया है। इस पत्र में सभी विभागों को उनके पास मौजूद इमारतों (रिहायशी सहित) और जमीनों की अलग-अलग सूची कैबिनेट सचिवालय को भेजने का निर्देश दिया गया है। पत्र के मुताबिक, सभी मंत्रालय/विभाग, पीएसयू तथा स्वायत्तशासी संस्थानों को उनके पास मौजूद जमीनों और इमारतों (रिहायशी सहित) का ब्योरा जुटाना है, जिसका मकसद इस्तेमाल न हो रही संपत्तियों को लीज पर देकर उससे राजस्व जुटाना है।
संपत्तियों का अलग-अलग ब्योरा देने के लिए तमाम मंत्रालयों को दो प्रोफॉर्मा भेजे गए हैं। इन प्रोफोर्मा में विभागों से उनकी इमारतों की लोकेशन, इमारत रिहायशी है या कार्यालय या मिक्स्ड लैंड यूज, स्क्वायर मीटर में बिल्टअप एरिया, फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर), इमारत का पूरा इस्तेमाल हो रहा है या नहीं और अगर नहीं तो बचे हुए हिस्से का पूरा विवरण देना है।