नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अपराजित सारंगी ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए पिछले साप्ताह संसद में पेश बजट में कृषि क्षेत्र के लिए बढ़ाये गये प्रावधान की तारीफ करते हुये विपक्ष के ‘सूट-बूट की सरकार का बजट’ के आरोपों को खारिज कर दिया। ओडिशा के भुवनेश्वर से भाजपा सदस्य श्रीमती सारंगी ने कहा कि यह एक संतुलित बजट है। इसमें मंशा और तथ्य तथा दूरदृष्टि और प्रावधान का अनोखा संतुलन है। इसमें कृषि के लिए अब तक का सर्वाधिक प्रावधान किया गया है। फिर विपक्ष के सदस्य कैसे इसे ‘सूट-बूट की सरकार का बजट’ कह सकते हैं। उन्होंने कहा कि जब वह अपने क्षेत्र में लोगों से मिलती हैं तो वे कहते हैं कि मोदी सरकार ने उन्हें शौचालय, रसोई गैस, सिर पर छत और बिजली दी है तथा वर्ष 2024 तक नल का जल दे रही है। इसके लिए वे प्रधानमंत्री को धन्यवाद कहना चाहते हैं और दुआएँ देते हैं।
भाजपा के ही जगदंबिका पाल ने कहा कि जो लोग बजट को उद्योगपतियों के हित का बजट बता रहे हैं, उन्हें जान लेना चाहिए कि मोदी सरकार ने पहली बार कृषि क्षेत्र के लिए 2018-19 में सर्वाधिक 57 हजार 600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था और इस बार तो 140 प्रतिशत वृद्धि के साथ एक लाख 30 हजार 485 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि गोरखपुर में जब श्री मोदी की पहल पर पहली बार तीन करोड़ किसानों को किसान सम्मान निधि के दो दो हजार रुपये गये तो उनमें मोदी सरकार के प्रति विश्वास मजबूत हुआ। उसी से मजबूर होकर चुनावों में 72 हजार रुपये की योजना आयी। लेकिन, जनता ने मोदी सरकार पर विश्वास जताया। इसका परिणाम हुआ कि सरकार ने पहली कैबिनेट बैठक में फैसला किया कि किसान सम्मान निधि सब किसानों को मिलेगी।
पाल ने कहा कि मोदी सरकार ने डूबे कर्ज की राशि में एक लाख करोड़ रुपये की कमी लाने में कामयाबी हासिल की और चार लाख करोड़ रुपये की वसूली की। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में 13। 8 प्रतिशत ऋण वितरण बढ़ा और बैंकों की ऋण देने की क्षमता को मजबूत करने के लिए 70 हजार करोड़ रुपये दिये हैं। रेलवे में 50 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने की घोषणा की गयी है। आज देश में नीतिगत पंगुता की नहीं बल्कि ईज ऑफ लिविंग की बात हो रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने सबको बिजली दी है और अब सबको पानी का कनेक्शन देगी।