नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि सरकार विनिवेश प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की इच्छुक है लेकिन साथ ही वह सार्वजनिक कंपनियों में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी भी बनाये रखना चाहती है। सीतारमण ने शुक्रवार को सदन में पेश बजट पर यहाँ संवाददाताओं से अपने विचार साझा करते हुये कहा, ‘‘सरकार अपना नियंत्रण कम नहीं होने देगी...।’’ उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सार्वजनिक कंपनियों से 51 प्रतिशत से ऊपर की अपनी हिस्सेदारी का विनिवेश कर कर्मचारियों या आम निवेशकों को बेचेगी और अपना नियंत्रण समाप्त नहीं करेगी। बजट पेश करने वाली देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री ने कहा कि कई ऐसे सार्वजनिक उपक्रम हैं जिनमें विनिवेश की सैद्धांतिक मंजूरी मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति से मिल चुकी है।
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में इनमें कुछ के विनिवेश की कोशिश की गयी थी। सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया विनिवेश की जाने वाली कंपनियों की सूची में नहीं थी, लेकिन विशेष मामले के रूप में बजट में उसे इस सूची में शामिल किया गया। उन्होंने कहा ‘‘समिति की सूची हमारे सामने है। मैंने एयर इंडिया का विशेष उल्लेख किया जो उस सूची में शामिल नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि एयर इंडिया में विनिवेश प्रक्रिया दुबारा शुरू करने के तौर-तरीके तय किये जा रहे हैं। पिछले वित्त वर्ष में 80,000 करोड़ रुपये के विनिवेश का लक्ष्य रखा गया था। चालू वित्त वर्ष के अंतरिम बजट में इसे बढ़ाकर 90,000 करोड़ रुपये किया गया जिसे पूर्ण बजट में बढ़ाकर 1,05,000 करोड़ रुपये कर दिया गया। सरकार ने गैर-बैकिंग कंपनियों के विनिवेश पर फोकस करने का फैसला किया है।