लखनऊ। केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट को भारतीय जनता पार्टी ने गरीब,मध्यम वर्गीय के उत्थान और विकास को रफ्तार देने वाला बताया वहीं विपक्ष, यूनियनों और व्यापारियों ने इसे निराशा जनक करार दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजट को नवीन भारत के वैश्विक महाशक्ति बनने में मददगार होने का विश्वास जताया है वहीं भारतीय जनता पार्टी ने बजट को गरीब,मध्यम वर्गीय और किसान समेत समाज के हर वर्ग के उत्थान का परिचायक बताया। बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने ट्वीट किया ‘‘ यह बजट प्राइवेट सेक्टर को बढ़ावा देकर कुछ बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों की ही हर प्रकार से मदद करने वाला है, जिससे दलितों व पिछड़ों के आरक्षण की ही नहीं बल्कि महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, किसान व ग्रामीण समस्या और भी जटिल होगी। देश में पूंजी का विकास भी इससे संभव नहीं है।
’’उन्होने कहा कि भाजपा की केन्द्र सरकार द्वारा बजट को हर मामले में व हर स्तर पर लुभावना बनाने की पूरी कोशिश की गई है लेकिन देखना है कि इनका यह बजट जमीनी हकीकत में देश की आमजनता के लिए कितना लाभदायक सिद्ध होता है जबकि पूरा देश गरीबी, बेरोजगारी, बदतर शिक्षा व स्वास्थ्य सेवा से पीड़ति व परेशान है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि बजट ने ढेर सारी उम्मीदे लिये बैठे देश के आम आदमी, गरीब, नौजवान, किसान और मजदूर को पूरी तरह निराश किया है। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में जिस एफडीआई नीति का विरोध भारतीय जनता पार्टी ने किया था , आज वित्त मन्त्री निर्मला सीतारमण ने शत प्रतिशत एफडीआई के लिये दरवाजे खोल दिये हैं, जो ‘‘विदेशी पूंजी निवेश’’ पर आधारित है जबकि पिछले पांव साल पूरी दुनिया घूमने के बावजूद भी प्रधानमंत्री ‘‘विदेशी पूंजी निवश’’ नहीं करा पाये। इसलिये विदेशी पूंजी निवेश अपेक्षानुसार न मिला तो बजट के सारे सपने बिखर जायेंगे । यह एक जोखिम भरी नींव है जिस पर बजट की पूरी इमारत खड़ी है ।