नई दिल्ली। मोदी सरकार ने उन 19 सरकारी कंपनियों को बंद करने का फैसला किया है, जो घाटे में चल रही हैं। सरकार ने यह जानकारी संसद में दी है। सरकार ने यह जबाव कांग्रेस सांसद अदूर प्रकाश के प्रश्न के जबाव में दिया है। अदूर प्रकाश ने भारी उद्योग और लोक उद्यम मंत्रालय से उन सरकारी कंपनियों का ब्यौरा मांगा था, जिन्हें वह बंद करना चाहती है। उनके इस सवाल के जबाव में भारी उद्योग और लोक उद्यम मंत्रालय मंत्री अरविंद गणपत सांवत ने बताया कि घाटे में चलने वाले 19 पीएसयू कंपनियों को बंद करने की कवायद चल रही है।
ये है बंद होने वाली कंपनियों की लिस्ट
संसद में दी गई जानकारी के अनुसार तुंगभद्रा स्टील प्रोडक्ट्स लिमिटेड, एचएमटी वॉचेज लिमिटेड, एचएमटी चिनार वॉचेज लिमिटेड, एचएमटी बियरिंग्स लिमिटेड, हिंदुस्तान केबल्स लिमिटेड, एचएमटी लिमिटेड की ट्रैक्टर यूनिट और इंस्ट्रूमेंटेशन लिमिटेड की कोटा यूनिट, केंद्रीय अंतर्देशीय जल परिवहन निगम लिमिटेड, इंडियन ड्रग्स और राजस्थान ड्रग्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड, आईओसीएल-क्रेडा के नाम शामिल हैं।
ये भी शामिल हैं कंपनियां
इसके अलावा बायोफ्यूल्स लिमिटेड, क्रेडा एचपीसीएल बायोफ्यूल्स लिमिटेड, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह वन और वृक्षारोपण विकास निगम लिमिटेड, भारत वैगन एंड इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड, बर्न स्टैंडर्ड कंपनी लिमिटेड, सीएनए/एन2 ओ 4 प्लांट को छोड़कर हिंदुस्तान ऑर्गेनिक केमिकल्स लिमिटेड की रसायनी ईकाई में सभी संयंत्रों के संचालन को बंद करना, नेशनल जूट मैन्युफैक्चरर्स कॉर्पो. लिमिटेड, बर्ड्स जूट एंड एक्सपोर्ट लिमिटेड और एसटीसीएल लिमिटेड को बंद करने की मंजूरी दी गई है। इसके अलावा सरकार की तरफ से जानकारी दी गई है कि कई कंपनियों के विनिवेश को मंजूरी दी गई है। इस सूची में 25 से ज्यादा कंपनियां शामिल हैं। इन कंपनियों में सेल, एचपीएल और हिंदुस्तान कॉरपोरेशन लिमिटेड जैसी कंपनियां शामिल हैं।