नई दिल्ली। उत्तर भारत में मॉनसून के पूरी तरह प्रभावी होने में अभी काफी देर है, लेकिन कई राज्यों में प्री-मॉनसून बारिश लोगों को गर्मी से राहत देने लगी है। इन दिनों उत्तराखंड के कुछ इलाकों और दिल्ली-एनसीआर में रुक-रुककर हो रही हल्की बारिश और हवाओं ने गर्मी के पारे को काफी हद तक कम कर दिया है। हालांकि मौसम विभाग का कहना है कि तापमान में यह गिरावट स्थायी नहीं है और जल्द ही एक बार फिर लोगों को तेज गर्मी से झुलसना पड़ेगा। मॉनसून एक्सप्रेस भी अभी तक केवल पूर्वोत्तर के राज्यों में ही पहुंच पाई है। इस बीच मौसम की भविष्यवाणी करने वाली एजेंसी स्काईमेट वेदर ने दो राज्यों को लेकर अलर्ट जारी किया है। इन दोनों राज्यों में अगले कुछ ही घंटो में मौसम करवट बदल सकता है।
झारखंड के बोकारो, चतरा, देवघर, धनबाद, दुमका, गिरिडीह, गुमला, हजारीबाग, जामताड़ा, खुंटी, कोडरमा, लातेहार, लोहरदगा, पश्चिमी सिंहभूम, रामगढ़, रांची, सरायकेला-खरसावां और सिमडेगा में अगले 2 से 4 घंटों के भीतर तेज हवाओं के साथ बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने का अलर्ट जारी किया है। वहीं, ओडिशा के अंगुल, बलांगीर, बालेश्वर, बारगढ़, बौध, भद्रक, कटक, देबागढ़, ढेंकनाल, गजपति, गंजम, जाजापुर, कालाहांडी, केंदुझर, खोरधा, कोरापुट, मलकानगिरी, मयूरभंज, नयागढ़, नुआपाड़ा, पुरी और रायगढ़ में अगले 4 से 6 घंटों में तेज हवाओं के साथ बारिश हो सकती है। इसके अलावा कुछ इलाकों में गरज के साथ बौछारें भी पड़ सकती हैं।
आपको बता दें कि इस साल मॉनसून काफी लेट चल रहा है। गर्मी के साथ-साथ भूजल स्तर गिरने से पानी का संकट झेल रहे कई राज्य मॉनसून के इंतजार में बैठे हैं। आमतौर पर मॉनसून इन दिनों देश के दो-तिहाई हिस्से में सक्रिय जाता है लेकिन इस बार मानसून अभी तक केवल 12 से 15 फीसदी हिस्सों में ही प्रभावी हो पाया है। अरब सागर में उठने वाले चक्रवात 'वायु' ने मॉनसून की गति का काफी हद तक प्रभावित किया है। 'वायु' के कारण मॉनसूनी बादल बेहद धीमी गति से आगे बढ़ रहे हैं। पिछले 12 सालों में ऐसा पहली बार है जब मॉनसून इतनी मंद गति से आगे बढ़ रहा है। मॉनसून की इस धीमी चाल ने आम लोगों के साथ-साथ सरकार की चिंता को भी बढ़ा दिया है।