नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर हमला किया। उन्होंने साफ कर दिया कि कांग्रेस नेता अपने जिन पूर्वजों के नाम पर वोट मांग रहे हैं, उनके कारनामों का हिसाब भी उन्हें देना होगा। दिल्ली के रामलीला मैदान में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने राजीव गांधी पर सेना के विमानवाहक पोत आइएनएस विराट का निजी टैक्सी की तरह उपयोग करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि देश की जनता को और खासकर पहली बार मतदान करने वाले युवाओं को इसकी जानकारी होनी ही चाहिए। सेना को निजी जागीर समझने के राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि राजीव गांधी के कार्यकाल में किस तरह सेना को निजी जागीर की तरह इस्तेमाल किया गया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री रहते हुए राजीव गांधी ने समुद्री सीमा की सुरक्षा के साथ समझौता करते हुए परिवार के साथ 10 दिन छुट्टियां मनाने के लिए आइएनएस विराट का इस्तेमाल किया था।
परिवार के साथ-साथ इटली से विदेशी रिश्तेदारों को भी बुलाया गया था। प्रधानमंत्री ने पूछा कि क्या युद्धपोत पर विदेश नागरिकों को ले जाना देश की सुरक्षा के साथ समझौता नहीं था?प्रधानमंत्री ने इसे आइएनएस विराट की आन-बान और शान की तौहीन भी बताया। उन्होंने कहा कि जिस द्वीप पर वो लोग छुट्टियां मनाने गए थे, वह सुनसान था और वहां कोई सुविधा नहीं थी, इसीलिए नौसेना के जवानों को वहां काम पर लगाया गया। नौसेना का एक हेलीकॉप्टर भी उनकी सेवा में लगा रहा।
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम घसीटने पर कांग्रेस की आपत्तियों को खारिज करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोग अपने पूर्वजों के नाम पर वोट जरूर मांगते हैं, लेकिन उन्हें उनके पूर्वजों के कारनामे गिनाने पर आपत्ति हो रही है। उन्होंने साफ कर दिया कि यदि किसी के नाम पर वोट मांग रहे हैं तो उसके कारनामों का हिसाब भी आपको देना ही होगा। अपने खिलाफ गांधी परिवार और खासकर राहुल गांधी के तीखे हमले की वजह बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कभी जनपथ दलालों और विचौलियों का पथ बन गया था, जहां क्वात्रोची मामा बोफोर्स तोप की दलाली का भाव फिक्स करता था।
अगस्ता हेलीकॉप्टर वाले मिशेल मामा का पलक पांवड़े बिछाकर स्वागत किया जाता था। भोपाल में विनाश करने वाले एंडरसन मामा को हवाई जहाज से भगाने की रणनीति बनती थी। आज उसी जनपथ में अदालतों और जेल के डर से वकीलों का ही आना-जाना रहता है।