नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में वंशवाद की फलीफूली राजनीति पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि अब यह एक परिवार या एक दल तक सीमित नहीं है और ये सामाजिक न्याय एवं छद्म सेकुलरिज्Þम की आड़ में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। मोदी ने यहां रामलीला मैदान में भारतीय जनता पार्टी की ओर से आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि वंशवादी प्रवृत्ति एक परिवार तक सीमित नहीं रह कर परिवार के करीबियों तक पहुंच गयी है और ऐसे लोग वंशवाद का झंडा बुलंद कर रहे हैं। उन्होंने गांधी परिवार का नाम लिये बगैर कहा कि एक नामदार परिवार की चौथी पीढ़ी को देश देख रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली में दीक्षित परिवार, हरियाणा में हुड्डा, भजनलाल एवं बंसीलाल का वंश, पंजाब में बेअंत सिंह का परिवार, राजस्थान गहलोत एवं पायलट परिवार, मध्यप्रदेश में कमलनाथ, सिंधिया एवं दिग्विजय सिंह परिवार वंशवाद के उदाहरण हैं।
उन्होंने कहा कि महामिलावटी दलों में भी जम्मू कश्मीर में अब्दुल्ला एवं मुफ्ती वंश, उत्तरप्रदेश में मुलायम सिंह, बिहार में लालू प्रसाद यादव के नाम पर पार्टी चल रही है। महाराष्ट्र में पवार वंश, कर्नाटक में देवैगौड़ा, तमिलनाडु में करुणानिधि और आंध्रप्रदेश में चंद्रबाबू नायडु परिवार वंशवादी राजनीति का झंडा बुलंद किये हुए हैं। मोदी ने कहा कि ऐसी पार्टियों में गरीबी से उठे लोगों को बचीखुची जगह में समायोजित किया जाता है और वह भी सीमित समय के लिए। उन्होंने कहा कि जिन पार्टियों की सोच प्रतिभाओं को कुचलने की रही हो, वे वंशवाद पर सवाल से दिक्कत महसूस करते हैं। पूर्वजों के नाम पर वोट चाहिए लेकिन जब उन्हीं पूवर्जों के कारनामे खंगाले जाता है तो मिर्ची लगती है।
उन्होंने कहा कि किसी के नाम पर वोट मांगा जाएगा तो उनके कामों का हिसाब देना ही होगा। कांग्रेस आज कल न्याय की बात करने लगी है। लेकिन 1984 में सिख दंगों में हुए अन्याय का हिसाब कौन देगा। सिख दंगों के आरोप वाले को मुख्यमंत्री बनाना कौन सा न्याय है। कांग्रेस ने देश के साथ जो अन्याय किया है, उसे हम कम करने की कोशिश कर रहे है। पहली बार कानून गुनाहगारों तक पहुंचा है और उन्हें सलाखों तक पहुंचाया गया है। गत पांच साल के शासन के दौरान सत्ता के गलियारे से दलालों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है।