नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी इस्पात उत्पादक कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड ने भारतीय रेलवे की लिके होफमैन बुस्च कोचों के लिए अत्याधुनिक एलएचबी व्हील्स की पहली खेप रवाना की है। सेल ने इस पहली खेप में 30 एलएचबी व्हील्स की आपूर्ति की है। सेल ने जर्मन तकनीक से बने एलएचबी कोचों को इंटग्रल कोच फैक्ट्री कोचों से बदलने की योजना के बाद से एलएचबी व्हील का विकास शुरू किया था। रेलवे ने सेल को ट्रायल रन के लिए 1000 एलएचबी व्हील्स का शुरुआती ऑर्डर दिया। सेल ने 30 एलएचबी व्हील्स की पहली खेप के साथ एलएचबी व्हील्स की आपूर्ति शुरू कर दी है।
ये व्हील एलएचबी कोचों की गुणवत्ता और विशेषता के लिहाज से ब्रॉड गेज पर हाईस्पीड आवागमन के लिए डिजाइन किए गए हैं। एलएचबी व्हील को सेल के रिसर्च एंड डिवलपमेंट सेंटर फॉर आयरन एंड स्टील और रेलवे के रिसर्च डिजाइन एवं स्टैण्डर्ड ऑर्गनाइजेशन के मानक गुणवत्ता के आधार पर तैयार किया गया है, जो टक्कर की स्थिति में ट्रेन को पलटने या घूमने से रोकने में सक्षम होंगे। एलएचबी कोच में पहले से ही पलटने या मुड़ने की प्रतिरोधी क्षमता है। इसके साथ ही ये एलएचबी व्हील आधुनिक नूमैटिक डिस्क ब्रेक प्रणाली के अनुरूप हैं, जो तेज गति के दौरान अचानक और प्रभावी ब्रेक को सह सकें और जान तथा माल को असुविधा और नुकसान के बिना आपात स्थिति में रेल या मालगाड़ी को संभाल सकें। उत्पादन की प्रक्रिया और उत्पाद के मानकों की गुणवत्ता के लिए आरडीएसओ से पुष्टि हो गई है।
सेल अध्यक्ष अनिल कुमार चौधरी ने मंगलवार को यहां जारी बयान में यह जानकारी देते हुये कहा कि दुर्गापुर इस्पात संयंत्र में इसका निर्माण किया जा रहा है। कंपनी का पूरा फोकस इस अत्याधुनिक एलएचबी व्हील्स की आपूर्ति जल्द से जल्द शुरू करने पर था ताकि रेलवे की इस अत्याधुनिक ज़रूरत को घरेलू स्तर पर ही पूरा किया जा सके। रेलवे को एलएचबी व्हील्स की घरेलू स्तर पर आपूर्ति आयात घटाने और विदेशी मुद्रा की बचत में मददगार होगी। सेल करीब पाँच दशक से रेलवे को व्हील एवं एक्सेल मुहैया करा रहा है और रेलवे की जरूरतों के अनुसार सेल ने लोको व्हील विकसित किए हैं जिन्हें पहले आयात किया जाता था।
सेल देश का एकमात्र फोर्ज्ड़ व्हील उत्पादक है, जिसकी वार्षिक क्षमता 70 हजार से भी अधिक फोर्ज्ड़ व्हील उत्पादन की है। इसके साथ ही मांग के अनुरूप अन्य डिजाइन और आकार के व्हील भी तैयार किए जाते हैं। हाल ही में सेल ने कोलकाता मेट्रो के लिए भी व्हील की आपूर्ति की है। सेल के दुर्गापुर संयंत्र में रेलवे के मानकों के अनुरूप प्रत्येक व्हील का 100 प्रतिशत परीक्षण किया जाता है, जिसमें दबाव सहने की क्षमता, तनाव और सहनशक्ति, सुदृढ़ता जांच, अल्ट्रासोनिक टेस्ट, फ्रैक्चर प्रतिरोधी ऊर्जा सहनशक्ति, चुम्बकीय क्षमता का निरीक्षण, सुदृढ़ता की ऑनलाइन जांच’ समावेश रेटिंग इत्यादि शामिल हैं। निर्माण की पूरी प्रकिया के दौरान हर व्हील को एक विशेष पहचान संख्या भी प्रदान की जाती है।