नई दिल्ली। नई दिल्ली वर्ष 1984 के सिख-विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व सांसद सज्जन कुमार की जमानत याचिका पर सोमवार को भी उच्चतम न्यायालय में सुनवाई नहीं हो सकी। सज्जन कुमार की जमानत याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ के समक्ष निर्धारित थी, लेकिन न्यायमूर्ति खन्ना ने इस बार भी सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। अब मुख्य न्यायाधीश नये सिरे से पीठ का गठन करेंगे और तब पूर्व कांग्रेस सांसद की जमानत याचिका पर सुनवाई संभव हो सकेगी।
न्यायमूर्ति खन्ना ने एक बार पहले भी गत 25 फरवरी को मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। इसके बाद नयी पीठ का गठन किया गया था। इस पीठ में भी न्यायमूर्ति खन्ना को रखा गया था, लेकिन वह सुनवाई से हट गये। अब मामले की सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी। इससे पहले सज्जन कुमार की याचिका पर सीबीआई ने उसकी जमानत का विरोध किया। न्यायालय में दाखिल हलफनामे में जांच एजेंसी ने कहा है कि सज्जन कुमार शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्ति हैं और उनके जेल से बाहर आने पर मामलों के गवाह प्रभावित हो सकते हैं। सीबीआई ने कहा है कि सज्जन कुमार की जमानत अर्जी में कोई योग्यता नहीं है और उसे खारिज किया जाना चाहिए।