नई दिल्ली। देसी बोफोर्स कहीं जाने वाली धनुष तोप की पहली खेप भारतीय सेना में 26 मार्च को शामिल कर ली जाएगी। 2019 के अंत तक 18 तोपों से लैस एक रेजीमेंट एक्शन मोड में आ जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, पहली खेप में 5 तोपें होंगी जिन्हें चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर तैनात किया जाएगा। इस तोप को सरहद की सुरक्षा में रीढ़ की हड्डी माना जा रहा है। यह दुश्मनों की किसी भी तोप का मुकाबला करने में सक्षम है। भारत ने 2015 में इसका निर्माण शुरू कर दिया था।
इस स्वदेशी तोप धनुष को बोफोर्स से भी बेहतर माना जाता है। स्वदेशी तोप धनुष का कैलिबर 155 है, जबकि इसकी रेंज 40 किलोमीटर है। पिछले महीने आर्मी और रक्षा मंत्रालय ने ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड को 118 तोपों के ऑर्डर को मंजूरी दी थी। यह भारत में बनाई गई पहली लंबी रेंज की तोप है। रक्षा मंत्रालय ने पिछले महीने जारी किए एक बयान में बताया था, यह कम्प्यूटर से चलने वाली आधुनिक तोपों में से एक है। यह दिन और रात दोनों वक्त फायर करने में सक्षम है। इस तोप की पहाड़ी इलाकों में आसानी से तैनाती की जा सकती है। धनुष की क्षमता का परीक्षण कई तरह की कठिन परिस्थितियों में किया जा चुका है। रेगिस्तान से लेकर ऊंचाई वाले हिस्सों में भी धनुष भरोसेमंद साबित हुई है।