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गोवा के सीएम मनोहर पर्रिकर नहीं रहे, राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री ने जताया दुख

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Mar 17 2019 9:15PM | Updated Date: Mar 17 2019 10:45PM
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पणजी। गोवा के सीएम और देश के पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का निधन हो गया है। 63 वर्षीय पर्रिकर लंबे समय से कैंसर से गंभीर तौर पर जूझ रहे थे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर पर्रिकर को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा कि गोवा और देश के लिए उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। सोमवार को सुबह 11 बजे उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए केंद्रीय कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है।  उनका अंतिम संस्कार भी सोमवार को ही किया जाएगा। कैंसर से गंभीर तौर पर जूझने के बावजूद वह बीते कई महीनों से सीएम के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह कर रहे थे। नाक में ड्रिप लगाए उनकी कई तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं।
 
गोवा में बीजेपी और राजनीति के एक मजबूत स्तंभ रहे मनोहर पर्रिकर आईआईटी से पढ़े थे। देश के पढ़े-लिखे और सादगी से जीवन जीने वाले नेता के तौर पर उनकी खास पहचान थी। गौरतलब है कि फरवरी 2018 में पर्रिकर को पैंक्रियाटिक कैंसर की पहचान हुई थी। वे गोवा, मुंबई, दिल्ली और न्यू यॉर्क के अस्पतालों में इलाज करा चुके हैं। जिन दिनों वह बेहद बीमार थे, तब वह राज्य की विधानसभा में 2019-20 का बजट पेश करने आए थे। इस दौरान उन्होंने बेहद आत्मविश्वास से कहा था, 'मैं जोश में भी हूं और होश में भी हूं।' 
 
मनोहर पार्रीकर का जन्म 13 दिसंबर 1955 को हुआ था। गोवा के मुख्यमंत्री रहने से पहले वे भारत के रक्षा मंत्री पद पर भी आसीन थे। उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद भी रहे थे।
 
आईआईटी मुंबई से पर्रिकर ने स्नातक की उपाधि हासिल की थी। वे पहले आईआईटियन थे जिन्होंने मुख्यमंत्री पद को सुषोभित किया। यहां तक कि 2001 में आईआईटी मुंबई ने उन्हें विशिष्ट पूर्व छात्र की उपाधि प्रदान की थी।
 
भारतीय जनता पार्टी को गोवा में सत्ता में लाने का श्रेय श्री पर्रिकर को ही है। इसके अलावा गोवा में भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का आयोजन और कम से कम समय में एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर की मूलभूत संरचना  खड़ी करने का श्रेय भी उन्हीं को जाता है। दयानन्द सामाजिक सुरक्षा योजना ,साइबर एज योजना, मुख्यमंत्री रोजगार योजना जैसी विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में उनका विशेष योगदान रहा। योजना आयोग और इंडिया टुडे की ओर से पूर्व में कराये गये सर्वेक्षण के मुताबिक उनके कार्यकाल में गोवा का लगातार तीन साल  तक भारत का सर्वश्रेष्ठ शासित प्रदेश का दर्जा रहा। वह वर्ष 2000 से 2005 और 2012 से 2014 की अवधि में गोवा के मुख्यमंत्री रहे।  उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के पूर्व सदस्य रहे श्री पर्रिकर ने ही 2013 में गोवा में भाजपा के संसदीय चुनाव सम्मेलन से पहले  प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में  नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव  रखा था। वर्ष 2014 में केंद्र में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन  की सरकार बनी। श्री पर्रिकर मोदी की अगुवाई वाली राजग सरकार में 2014 से 2017 तक रक्षा मंत्री बनाये गये। गोवा की राजनीति के बदलते घटनाक्रमों के बीच 13 मार्च 2017 को उन्होंने पुन: गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। पर्रिकर लंबे समय से बीमार थे और अग्नाशय कैंसर की अंतिम अवस्था से जूझ रहे थे। पिछले एक वर्ष से गोवा, मुंबई , अमेरिका तथा नयी दिल्ली  के अस्पतालों में उनका उपचार चल रहा था। 
 
 
 
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