चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज कहा कि करतारपुर गलियारा खोलने को लेकर पाकिस्तान की नीयत पर विश्वास नहीं किया जा सकता है क्योंकि इसके पीछे उसका राजनीतिक एजेंडा और बदनीयत छिपी हुई है जिसका उदेश्य सिखों की भावनाओं का शोषण करना है। कैप्टन सिंह ने अपनी सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वह गलियारा के हक में हैं लेकिन इस सम्बंध में बेहद सावधानी बरते जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपने दूसरे मंसूबों के मद्देनजर करतार गलियारे की बात कर रहा है। उसका मकसद शांति को बढ़ावा देना नहीं है।
देश करतारपुर गलियारा को धार्मिक दृष्टि से देखता है लेकिन पाकिस्तान का एजेंडा पूरी तरह विघटनकारी है। मुख्यमंत्री ने जनमत संग्रह 2020 की मिसाल देते हुये कहा कि इसकी आड़ में पाकिस्तान की खुफिया संस्था आईएसआई सिखों की भावनाओं का शोषण कर रही है। इसके माध्यम से वह न केवल पंजाब को बाँटने और अस्थिर करने में सक्रिय है बल्कि समूचे देश में अशांति फैलाना उसका उदेश्य है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान शांति की बात करते हैं लेकिन वहाँ से सेना प्रमुख जनरल बाजवा लगातार अपने घृणित इरादों को बढ़ावा दे रहे हैं। कैप्टन सिंह ने हाल ही में पंजाब में आईएसआई समर्थित अनेक गिरोहों का भांडाफोड़ किये जाने का उल्लेख करते हुए पाकिस्तान के असली मंसूबों से सावधान किया है।
उन्होंने कहा कि मकसूदां और पठानकोट में किये गए हमलों के दौरान इस्तेमाल किये गए ग्रेनेड पाकिस्तान के बने हुए थे। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की ओर से गलियारे से निकलने वाले श्रद्धालुओं की प्रस्तावित संख्या बहुत कम है लेकिन वह चाहते हैं कि हर रोज ऐतिहासिक गुरुद्वारा करतार साहिब में जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या कम से कम 15000 की जाये। उन्होंने कहा गुरुद्वारा साहिब के दर्शनार्थ कोई बंदिश नहीं होनी चाहिये। लेकिन पाकिस्तान ने गलियारे के बावजूद पासपोर्ट और वीजा अनिवार्य कर दिया है जबकि इसकी कोई जÞरूरत नहीं है। उसके इस कदम से गरीब श्रद्धालु गुरूद्वारे के दर्शनों से वंचित रह जाएंगे।
इस सवाल पर कि क्या आगामी लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को वायु सेना की हाल में पाकिस्तान में की गई सर्जीकल स्ट्राईक का लाभ होगा तो कैप्टन सिंह ने कहा कि पुलवामा हमले के बाद कोई भी सरकार जवाबी कार्रवाई करती। मौजूदा सरकार ने सिर्फ अपना काम किया है। पिछली कांग्रेस सरकार ने भी अपने कार्यकाल में ऐसा किया था। सशस्त्र बलों का सियासीकरन करने और इसका अपने राजनीतिक हितों के लिए कथित तौर पर इस्तेमाल करने के लिए भाजपा की निंदा करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि जवान और अफसर हर रोज मर रहे हैं। कांग्रेस ने कभी भी 1965 या 1971 की जंग का सियासीकरण नहीं किया। ‘हमने राजनीतिक हितों से राष्ट्र को हमेशा ही ऊपर रखा है।’ आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर उन्होंने कहा कि किसी भी विरोधी दल के पास रचनात्मक एजेंडा नहीं है।
उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार के बड़े स्तर पर किये गये विकास कामों के कारण राज्य में कांग्रेस का किसी से मुकाबला नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल चुनावों को लेकर डरे हुये हैं और वह डेरों को अपनी तरफ खींचने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन इसका अकालियों को कोई फायदा नहीं होगा और उनका सूपड़ा साफ हो जाएगा।