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आज अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित हो सकता है मसूद अजहर

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Mar 13 2019 10:55AM | Updated Date: Mar 13 2019 10:55AM
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नई दिल्ली। पुलवामा आतंकी हमले का मास्टरमाइंड, पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर को एक अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के लिए आज (13 मार्च 2019) संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव लाया जाएगा। जैश-ए-मोहम्मद ने पुलवामा हमले की जिम्मेदारी ली थी जिसके बाद अजहर को ग्लोबल आतंकवादी घोषित करने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में एक प्रस्ताव पेश किया था। रिपोर्टों के अनुसार 13 मार्च को यूएनएससी की 1267 समिति द्वारा इस प्रस्ताव को उठाए जाने की उम्मीद है। 
 
भारत और यूएनएससी के अन्य सदस्यों द्वारा लाए गए इस तरह के प्रस्तावों पर तीन बार रोड़े अटका चुके चीन ने अभी अपने रूख की घोषणा नहीं की है। अगर चीन अड़ंगा नहीं लगता है तो मसूद अजहर अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित हो जाएगा। भारत ने कहा कि यूएनएससी के सदस्यों को पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंपों और अजहर की मौजूदगी के बारे में जानकारी है।
 
अमेरिका ने कहा है कि जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के लिए पर्याप्त आधार है और ऐसा नहीं किया जाना क्षेत्रीय स्थिरता एवं शांति के लिए खतरा होगा। अमेरिका ने अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किए जाने के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अहम निर्णय लिए जाने की पूर्व संध्या पर मंगलवार को यह बयान दिया।
 
विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता रॉबर्ट पलाडिनो ने कहा, ‘अजहर जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक और सरगना है तथा उसे संयुक्त राष्ट्र की ओर से आतंकवादी घोषित करने के लिए पर्याप्त कारण हैं।’ उन्होंने कहा कि जैश कई आतंकवादी हमलों में शामिल रहा है और वह क्षेत्रीय स्थिरता एवं शांति के लिए खतरा है। पलाडिनो ने कहा कि अमेरिका और भारत आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने इस मामले में संयुक्त राष्ट्र में हुई बातचीत पर सीधी टिप्पणी नहीं की।
 
इससे पहले सुरक्षा परिषद में अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने की कई कोशिशों को पाकिस्तान का मित्र चीन बाधित कर चुका है। परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में शामिल चीन अब तक यह कहता आया है कि अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं। पुलवामा हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय आक्रोश के मद्देनजर अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस को उम्मीद है कि इस बार चीन समझदारी से काम लेगा और उनके कदम को बाधित नहीं करेगा।
 
इस मुद्दे पर भारत की अपील और चीन के रूख के बारे में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने मीडिया से कहा, 'पहले तो मैं आपसे यह कहना चाहता हूं कि यूएनएससी यूएन की एक मुख्य संस्था है और इसके पास कड़े मानक और प्रक्रिया के नियम हैं। कुछ रिपोर्टों में यूएनएससी के अंदर की जानकारी दी गई है। मुझे नहीं पता कि क्या इसे एक सबूत के रूप में गिना जा सकता है।'
 
उन्होंने कहा, '1267 प्रतिबंध समिति द्वारा किसी को आतंकवादी घोषित करने के बारे में चीन की स्थिति सुसंगत और स्पष्ट है। चीन ने जिम्मेदार रूख अपनाया है, समिति के नियमों और प्रक्रिया का पालन किया है तथा जिम्मेदार ढ़ंग से चर्चा में भाग लिया था। केवल बातचीत के जरिए ही हम एक जिम्मेदार समाधान तक पहुंच सकते हैं।' कांग ने कहा है, 'हम दोनों पक्षों के साथ मध्यस्थता के प्रयास कर रहे है और तनाव कम करने के लिए बातचीत की गई है। हमने काफी प्रयास किए है। बातचीत के दौरान सुरक्षा एक महत्वपूर्ण विषय है और मैं कह सकता हूं कि हमारी बातचीत काफी विस्तृत थी।'
 
मसूद अजहर संसद, पठानकोट वायुसेना स्टेशन, उरी तथा जम्मू-कश्मीर में कई दूसरे जगह सैन्य शिविरों पर हमले और हाल में पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए आत्मघाती हमले का साजिशकर्ता है। गौर हो कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में गत 14 फरवरी को जैश-ए-मोहम्मद के एक आत्मघाती हमलावर ने सीआरपीएफ के काफिले पर विस्फोटक भरे वाहन से टक्कर मार दी थी। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। उसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था। बढ़ते आक्रोश के बीच भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादी विरोधी अभियान चलाया और जैश के सबसे बड़े ट्रेनिंग कैंप पर एयर स्ट्राइक की। 
 
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