नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी पहले ही कसौटी पर कसे जा चुके हैं और विफल साबित हो चुके हैं। ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव ‘मोदी बनाम अराजकता’ होगा। जेटली ने फेसबुक पर एक ब्लॉग में लिखा, ‘‘इस चुनाव में एक तरफ वह नेता है जिसके नेतृत्व में देश प्रगति कर रहा है और सुरक्षित है, जिस पर लोगों का विश्वास है। दूसरी तरफ कोई स्पष्ट नेतृत्व नहीं है, कई नेता हैं जो आपस में ही होड़ लगा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा ‘‘यदि पहले के उदाहरण देखे जायें तो वे सिर्फ अस्थायी सरकार का वादा कर सकते हैं। अराजकता निश्चित है। विकल्प स्पष्ट है - मोदी या अराजकता।’’
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी पर सीधे निशाना साधते हुये जेटली ने उन्हें ‘अपर्याप्त’ बताया। उन्होंने लिखा ‘‘वह कसौटी पर कसे जा चुके हैं और विफल साबित हो चुके हैं। मुद्दों की समझ का उनमें जो अभाव है उससे डर लगता है। वह इस अराजक समूह का नेतृत्व करने के सपने देख रहे हैं।’’ भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता ने अपने ब्लॉग में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी और बहुजन समाजवादी पार्टी प्रमुख मायावती को भी घेरने की कोशिश की है। उन्होंने लिखा ‘‘ममता दीदी सूत्रधार बनने की कोशिश कर रही हैं। वह पश्चिम बंगाल में कांग्रेस या वाम दलों के लिए एक भी सीट नहीं देना चाहतीं। वह चाहती हैं कि यदि वह ड्राइवर सीट पर हैं तो बाकी सब पीछे बैठें।
नीतिगत मुद्दों पर उनके स्वत:स्फूर्त बयान घटिया हैं।’’ मायावती के बारे में श्री जेटली ने कहा कि वह पिछले लोकसभा चुनाव में खाता भी नहीं खोल पायी थीं और अब कह रही हैं कि वह अपनी रणनीति का खुलासा चुनाव परिणाम के बाद करेंगी। उनका उद्देश्य सिर्फ उत्तर प्रदेश में मजबूत बसपा और कमजोर कांग्रेस है। सहयोगी दलों के साथ उनके पुराने झगड़ों के घाव के निशान अभी मिटे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष का गठबंधन अस्पष्ट और भंगुर है। उनमें कोई भी दल बड़ी संख्या में सीट जीतने में सक्षम नहीं है। वित्त मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में नेतृत्व को लेकर कोई संदेह नहीं है। मोदी उसका नेतृत्व कर रहे हैं और चुनाव में विजय होने पर वही प्रधानमंत्री बनेंगे। उनके नेतृत्व को राष्ट्रीय स्वीकार्यता मिल चुकी है।