अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि उनकी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई शुरू की है और वह देश को विश्वास दिलाते है कि देश की सुरक्षा और आतंकवाद के खात्मे के लिए जो भी कदम जरूरी होगा उठाया जायेगा। मोदी ने आज यहां सिविल अस्पताल आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि उनकी सरकार को जो कुछ करना है है डंके की चोट पर करना है। राष्ट्रहित में कड़े से कड़ा फैसला लेने में हम पीछे नहीं रहते। बात चाहे भ्रष्टाचार से लड़ने की हो या आतंकवाद से।
मेरी नीति और नीयत दोनो मेरे देशवासियो के सामने है। उन्होंने जुलाई 2008 में अहमदाबाद में आतंकियों द्वारा किये गये शृंखलाबद्ध धमाकों कि घटना जिनमें सिविल अस्पताल परिसर को भी निशाना बनाया गया था जिक्र करते हुए कहा याद कीजिये इस सिविल अस्पताल में क्या हुआ था। यह जीवन देने वाली जगह है पर उन राक्षसों ने इसी अस्पताल में बम धमाके किये थे। उस समय भी सीमा के उस पार से आतंक का संचालन होता था तो क्या उस समय दिल्ली में बैठे लोगों का दायित्व नहीं था कि हिसाब चुकता करें। ऐसी बाते मेरे दिल में भी है। पुलवामा हमले के बाद मैने खुलेआम कहा कि जो आग देशवालों के दिल में वह मेरे दिल में भी है। अगर उस समय की सरकार में दम होता तो अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में और बाद में मुंबई में भी निर्दोषों की जान लेने पर कार्रवाई होती कि नहीं। आप बताइये आतंकवाद के खिलाफ लड़ना चाहिए कि नहीं। जड़ मूल से उखाडना चाहिए कि नहीं। ईमानदारी से बताइये यह कौन कर सकता है। उन्होंने कहा कि मै यह भी कहना चाहता हूं कि देश को नुकसान पहुंचाने वाले आतंकी सातवे पाताल में होंगे तो भी मै छोडने वाला नहीं। विपक्ष पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से कुछ लोगों को क्या हो गया है। देश के कुछ नेता ऐसे बयान दे रहे है जिस पर पाकिस्तान मे तालियां बज रही हैं। इन्हें सेना पर भी भरोसा नहीं। सेना की बात पर सबको भरोसा करना चाहिए। लेकिन कुछ लोग है जिन्हें सेना की बात पसंद नहीं। अरे मोदी की बात मत मानो पर सेना पर तो अविश्वास मत करो, उनके पराक्रम पर तो दाग मत लगाओ।
मोदी ने आतंकियों के खिलाफ हुए हवाई हमले की चर्चा करते हुए कहा कि अगर सब कुछ हिसाब से न हुआ होता और कुछ गडबड़ हो गयी होती तो विपक्ष वाले किसका इस्तीफा मांगते। उन्होंने कहा कि चुन चुन के हिसाब लेना मेरी फितरत है हम आतंकियों को घर में घुस के मारेगे। कोई देश ऐसी असहाय अवस्था मे नही रह सकता। 40 साल से आतकवाद देश के सीने में गोलियां दाग रहा है,बम धमाके कर निदोर्ष को मारता रहा है पर वोट बैक के चलते कार्रवाई नहीं हुई। मुझे परवाह नहीं है सत्ता की बस देश के लोगों की सुरक्षा की चिंता है। मेहरबानी करके ऐसे मसले पर राजनीति मत करो। मेरे अन्य दावों पर विवाद करो पर सेना पर मत करो। सेना को क्यों गाली देते हो उनका मनोबल क्यो तोडते हों। मैने यहां सिविल अस्पताल में बम धमाके से मरे लोगों की लाशें देखी है घायल डाक्टर खून से लथपथ नर्सों को देखा है।