नई दिल्ली। सरकार आदिवासी समुदाय के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए देश में तकरीबन 6000 वन धन विकास केंद्र स्थापित करने की योजना बना रही है जिससे लगभग 45 लाख जनजातीय लोगों को रोजगार प्रदान किया जाएगा। केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय ने आदिवासी समुदाय को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए ‘‘आदिवासियों के मित्र’’ योजना की शुरूआत की।
इसके अलावा ‘‘वन धन योजना’’ का विस्तार किया जा रहा है। इसे चरणबद्ध रूप से देश के सभी जनजातीय जिलों में लागू करने के लिए तैयार है। सरकार ने सूक्ष्म वन उपज योजना के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) के दायरे में 50 सूक्ष्म वन उत्पादों को शामिल किया है प्रत्येक उपज के संदर्भ में एमएसपी में 30 प्रतिशत से 40 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई है।
सूत्रों के अनुसार लघु वन उपजों की खरीददारी की शुरूआत हाट- बाजारों में होगी, जहां जनजातीय लोग राज्य सरकार की एजेंसियों और संबंधित जिला कलेक्टरों की सहायता से अपनी उपज लाएंगे। इसके लिए बड़ा प्रचार अभियान शुरू किया जाएगा। देश में लगभग 6000 वन धन विकास केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव है। इस तरह लगभग 45 लाख जनजातीय लोगों को रोजगार प्रदान किया जाएगा। तीन सौ संग्रहकर्ताओं पर एक वन धन केंद्र स्थापित किया जाएगा।