नई दिल्ली। लोकसभा ने जलियावाला बाग राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक 2018 कांग्रेस के बहिर्गमन के बीच आज ध्वनिमत से पारित कर दिया। संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि इसका मकसद स्मारक की प्रबंधन व्यवस्था में सुधार लाना है। इसमें किए प्रावधानों के तहत केंद्र सरकार नामित ट्रस्टी को बिना कारण बताए उसका कार्यकाल पूरा होने से पहले हटा सकती है। संशोधन विधेयक में प्रावधान किया गया है कि इसका प्रमुख अब कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष नहीं बन सकेगा।
जलियावाला बाग राष्ट्रीय स्मारक अधिनियम 1951 में व्यवस्था की गई थी कि इसका प्रमुख कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष रहेगा, लेकिन इस व्यवस्था को संशोधन विधेयक के माध्यम से खत्म किया गया है। उन्होंने कहा कि जलियावाला बाग की व्यवस्था में सुधार लाने के लिए केंद्र सरकार ने 24 करोड़ रुपए की धनराशि आवंटित की है।
इससे वहां लाइट एंड साउंड शो को बेहतर बनाने के साथ ही कई अन्य कार्य किये जाएंगे। इससे पहले कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह विधेयक सिर्फ कांग्रेस अध्यक्ष को ट्रस्टी से हटाने के लिए लाया गया है। कांग्रेस सदस्यों का आरोप था कि भारतीय जनता पार्टी नकारात्मक राजनीति कर रही है और इस तरह के मुद्दों पर राजनीति कर रही है।