नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने अग्रिम मोर्चों पर तैनात सैनिकों को अत्याधुनिक राइफलों से लैस करने के लिए अमेरिकी कंपनी सिग सॉयर से 72 हजार 400 असाल्ट रायफलें खरीदने के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। यह खरीद फॉस्ट ट्रैक प्रक्रिया के तहत की जाएगी और कंपनी सभी राइफलों की आपूर्ति 12 महीने के अंदर करेगी।
इन राइफलों की खरीद पर 650 करोड़ रुपए की लागत आयेगी। इनमें से सेना को 66 हजार 400, नौसेना को 2000 और वायु सेना को 4000 राइफलें मिलेंगी। उधर, वायुसेना की शक्ति को बढ़ाते हुए 54 इजरायली अत्याधुनिक मानवरहित ड्रोन्स खरीद को मंजूरी दी गई। ये ड्रोंस दुश्मनों के ठिकानों को चंद पलों में नष्ट कर सकते हैं। इनको पी 4 का नाम दिया गया है। इन ड्रोंस को खरीदने की मंजूरी गत सप्ताह रक्षा मंत्रालय की उच्च स्तरीय बैठक में दी गई।
उधर, 72 हजार असॉल्ट राइफलों की बात करें तो ये राइफलें गठीली, मजबूत,अत्याधुनिक और मोर्चों पर रख रखाव में सुविधाजनक हैं। अमेरिकी सेनाओं के साथ साथ कई यूरोपीय देशों के जवान इन राइफलों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इन रायफलों की आवश्यकता के अनुसार खरीद को गत 16 जनवरी 2018 में मंजूरी दी गयी थी। यह खरीद बॉय ग्लोबल श्रेणी के तहत मंजूर की गयी थी। सेनाओं को अभी आठ लाख से भी अधिक रायफलों की जरूरत है। सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान और चीन से लगते मोर्चों पर तैनात सैनिकों को इन अत्याधुनिक राइफलों से लैस किया जायेगा।
रक्षा मंत्रालय ने दशकों पुराने चेतक हेलिकॉप्टर के बेड़े की जगह नौसेना को 111 नये बहुउद्देशीय हेलिकॉप्टरों से लैस करने के लिए भारतीय सामरिक भागीदार कंपनियों तथा इन्हें बनाने वाली विदेशी मूल कंपनियों के लिए अभिरूचि पत्र 'एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट' जारी किया है। नये 111 हेलिकॉप्टरों में से 95 भारतीय सामरिक भागीदार कंपनी द्वारा देश में ही बनाये जायेंगे। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में गत 25 अगस्त को हुई रक्षा खरीद परिषद की बैठक में इन हेलिकॉप्टरों की खरीद को मंजूरी दी गयी थी।