नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से लड़ते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सेना के लांस नायक नजीर अहम वानी को शांति काल के सर्वोच्च सम्मान अशोक चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित किया जाएगा। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद लांस नायक वानी को अशोक चक्र से सम्मानित करने की अनुशंसा को मंजूरी दे दी है।
सेना की जम्मू-कश्मीर लाइट इंफेंट्री के लांस नायक वानी ने गत 25 नवंबर 2018 को जम्मू-कश्मीर के एक गांव में हथियारों से लैस छह आतंकवादियों के साथ लोहा लेते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया था। इससे पहले उन्होंने आमने-सामने की गोलीबारी में दो आतंकवादियों को मार गिराया था। बुरी तरह से घायल होने के बावजूद लांस नायक वानी ने अपनी जान की परवाह किये बिना अपने साथी जवानों को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी।
जम्मू-कश्मीर की कुलगाम तहसील के अश्मूजी गांव के रहने वाले नज़ीर एक समय खुद आतंकवादी थे। वानी जैसों के लिए कश्मीर में 'इख्वान' शब्द इस्तेमाल किया जाता है। बंदूक थामकर वह जाने किस-किससे किस-किस चीज़ का बदला लेने निकले थे। पर कुछ वक्त बाद ही उन्हें गलती का अहसास हो गया और वह आतंकवाद छोड़कर सेना में भर्ती हो गए। लांस नायक वानी को उनकी असाधारण वीरता और अदम्य साहस के लिए शांति काल के सर्वोच्च सम्मान अशोक चक्र से पुरस्कृत किया जाएगा।