नई दिल्ली। गांधीवादी समाजसेवी अन्ना हजारे राफेल मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी से सहमत हैं। अन्ना हजारे को भी लगता है कि राफेल की डील में घपलेबाजी हुई है। हालांकि अन्ना ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि अगर लोकपाल लागू होता तो इस घोटाले को रोका जा सकता था।
इससे पहले बीजेपी और पीएम मोदी राफेल डील को ईमानदार बताया था। अन्ना हजारे के ताजा बयान के बाद बीजेपी के लिए भी मुश्किलें खड़ी हो सकती है। बता दें लोकपाल और लोकायुक्त गठन की मांग को लेकर अन्ना हजारे एक बार फिर आमरण अनशन करने वाले हैं। रालेगण सिद्धी में 30 जनवरी से बेमियादी भूख-हड़ताल का असर देशभर में होने के आसार हैं।
अन्ना हजारे ने दावा किया कि राफेल के संबंध में उनके पास कई अहम दस्तावेज हैं। जिसका वे अध्ययन करेंगे और प्रभावी तरीके से इस मुद्दे को जनता के सामने उठाएंगे। राफेल डील के तहत कांग्रेस पार्टी लगातार पीएम मोदी पर अनिल अंबानी को फायदा दिलाने का आरोप लगा रहे हैं। अनिल अंबानी की नई कंपनी को 30 हजार करोड़ रुपए का काम दिलाने में सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका के आरोप लगाए जा रहे हैं।