नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेताओं को निशाना बनाने के फिराक में थे आतंकवादी लेकिन समय रहते पुलिस ने एक संयुक्त अभियान में तीन आतंकी को गिरफ्तार कर लिया गया है। दिल्ली पुलिस का दावा है कि तीनों आतंकवादी दाउद इब्राहिम कैंप के हैं। आईएसआई और डी कंपनी की इस साजिश का पर्दाफाश रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) और दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने मिलकर किया है। आपको बता दें कि फोन कॉल इंटरसेप्ट करने के बाद जांच टीम गठित की गई और तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया।
आईएसआई और डी कंपनी ने मिलकर भारत में दंगे करवाने के लिए षड्यंत्र रचा था, जिसका पर्दाफाश करते हुए दिल्ली पुलिस और रॉ ने तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए इन लोगों में एक अफगानिस्तान का रहने वाला है। बाकी दोनों भारतीय हैं, जिनमें सोनू उर्फ तहसीम केरल का रहने वाला है और रियाजुद्दीन दिल्ली का निवासी है। सूत्रों का कहना है कि इनमें से एक आरोपी अंडरवल्र्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के करीबी गुलाम रसूल पट्टी का आदमी है।
इन आरोपियों से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि दक्षिण भारत में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कई नेता इनके निशाने पर थे। जिनकी हत्या का प्लान बनाया जा रहा था। इस साजिश में सिर्फ पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ही नहीं बल्कि दाऊद इब्राहिम गैंग का भी हाथ बताया जा रहा है। बताया गया है कि आरएसएस नेताओं की हत्या के पीछे का मकसद भारत में दंगे फैलाना था।
इसके लिए वली मोहम्मद को खासतौर से ट्रेनिंग देकर काबुल से भारत भेजा गया था। इस पूरे खेल के पीछे वो शख्स बताया जा रहा है, जो हरेन पंड्या की हत्या की साजिश में शामिल रहा है। इस शख्स का नाम है गुलाम रसूल पट्टी। ये गुजरात का ही रहने वाला है और वहां हुए 2002 में दंगों के बाद फरार हो गया था।
रसूल पट्टी के इस नापाक प्लान का खुलासा फोन इंटरसेप्ट से हुआ है। दरअसल, चार महीने पहले भारतीय एजेंसी ने एक फोन कॉल इंटरसेप्ट किया था, जिसमें दक्षिण भारत के कई इलाकों में आरएसएस से जुड़े प्रचारकों को मारने की बात की जा रही थी। यह जानकारी मिलते ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल टीम ने तफ्तीश शुरू की और रॉ की मदद से एक संदिग्ध को केरल और दो को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया।