नई दिल्ली। आखिरकार केरल में स्थित सबरीमाला मंदिर में भगवान अयप्पा के दर्शन के लिए दो महिलाएं गर्भग्रह में पहुंच ही गई। बुधवार को भारी विरोध के बीच 40 की उम्र की दो महिलाओं ने गर्भग्रह में प्रवेश कर इतिहास रच दिया और सैंकड़ों सालों से चली आ रही पुरानी परंपरा को तोड़ डाला।
जानकारी के अनुसार, दोनों महिलाएं आज सुबह मंदिर के गर्भगृह तक पहुंची। बिंदु और कनकदुर्गा नाम की दो महिलाओं ने आधी रात को मंदिर की सीढ़ियां चढ़नी शुरू की और सुबह करीब 3.45 पर भगवान के दर्शन किए। दोनों महिलाओं के साथ साधारण कपड़ों में और यूनिफॉर्म में कुछ पुलिसकर्मी थे।
गौरतलब है कि सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं की एंट्री को लेकर सुप्रीम कोर्ट फैसला सुना चुका है लेकिन श्रद्धालुओं के विरोध के चलते अभी तक कोई भी महिला अंदर नहीं जा सकी थी। 23 दिसंबर को 11 महिलाओं के एक समूह ने भी मंदिर जाने का प्रयत्न किया था, लेकिन उनका विरोध किया गया। महिलाओं के इस समूह का नेतृत्व सेल्वी कर रही थीं, जिनका संबंध तमिलनाडु के मनिति महिला समूह से है।
बता दें कि केरल स्थित सबरीमाला मंदिर में 10 साल लेकर 50 साल तक की महिलाओं का प्रवेश प्रतिबंधित था। परंपरा के अनुसार माना जाता था कि भगवान अयप्पा ब्रह्मचारी थे और जो महिलाएं रजस्वला होती हैं उन्हें मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं होनी चाहिए। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, सुप्रीम कोर्ट ने 5 जजों की पीठ बनाई थी। इसने 4-1 से फैसला दिया था कि सबरीमाला मंदिर में किसी भी आयु वर्ग की महिला को प्रवेश से रोका नहीं जा सकता।