मुंबई। लोकसभा चुनाव के घोषणा के बाद से चुनाव आचार संहिता लागू हो चुकी है और अंतिम क्षणों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस शिलान्यास और हरी झंडी दिखाने में व्यस्त हैं। शिव सेना ने पार्टी के मुख पत्र सामना के संपादकीय में शिव सेना ने अपने सहयोगी दल भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोलते हुए लिखा कि प्रधानमंत्री और अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री को छोड़ अन्य लोगों पर आचार संहिता लागू हो गई है। काला धन किसके पास कितना है इसका पता लगाना हो तो चुनाव में खर्च को देखकर पता लगाया जा सकता है। लोकसभा का चुनाव सात चरण में कराये जाने की घोषणा की गई है।
अभी तक प्रधानमंत्री अपने मन की बात कह रहे थे लेकिन चुनाव परिणाम के दिन जनता के मन की बात मतदान के रूप में निकलेगी। चुनाव तारीख घोषित होने के बाद श्री मोदी ने स्वयं कहा कि ‘फिर एक बार मोदी सरकार’ जबकि कांग्रेस ने नारा दिया ‘मोदी’ की विदाई का समय आ गया। चुनाव की घोषणा मोदी की विदाई का पहला दिन है। मोदी लोकसभा के चुनाव के साथ विधानसभा का चुनाव कराने के पक्ष में थे हालांकि इसमें कुछ गलत भी नहीं था लेकिन कई राज्यों में मोदी के विचारों से अलग विचार रखने वाली सरकारें हैं जो मोदी की बात नहीं मानेंगे और दूसरी तरफ इतना बड़ा देश है जिसमें क्या ऐसा हो पाना संभव है।
हालांकि एक साथ लोकसभा और विधानसभा का चुनाव होता तो सरकारी खर्च का बोझ कम हो जाता है। बार-बार सुरक्षा व्यवस्था की भी परेशानी नहीं होती लेकिन किसी एक दल के लाभ के लिए यह सब घटित नहीं हो बस इतनी ही हमारी अपेक्षा थी। देश का इतिहास गवाह है कि जनता को अधिक समय तक मूर्ख नहीं बनाया जा सकता। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और कश्मीर में शांति का वादा वर्ष 2014 के लोकसभा के चुनाव में भाजपा को बड़ी सफलता दिलायी लेकिन यह प्रश्न 2019 के लोकसभा के चुनाव में उसी तरह बने हुए हैं। जनता जब इस बार सवाल पूछेगी तो जवाब देने के लिए तैयार रहना होगा।