बैतूल। मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में पिछले एक सप्ताह से बाघ की दहशत ने सारणी सहित उपनगर पाथाखेड़ा और बगडोना इलाके में लोगों में दहशत का माहौल है। वन विभाग, एसटीआर और एनटीसीए की टीम सहित सरकारी संस्थाओं के मुखिया भी सारणी में डेरा डाले हुए हैं, लेकिन बाघ अभी भी पकड़ से बाहर है। खास बात ये है कि इन 7 दिनों में बाघ ने कोई शिकार किया है, इसकी जानकारी सामने नही आ पाई है, जिससे साफ है कि बाघ भूखा घूम रहा है और इलाके में घूमने वाले बाघ एक नही बल्कि दो है, जिसकी पुष्टि भी हो चुकी है। ऐसे में दोनों जानवर भूखे रहने की स्तिथि में खतरनाक हो सकते है।
जानकार सूत्रों की माने तो बाघ एक ऐसा जानवर है जो भूखे रहने पर ंिहसक हो सकता है। सवाल ये है कि जब इलाके में किसी मवेशी का शिकार न होने की जानकारी मिल रही रही है तो आने वाले दिनों में किसी अप्रिय समाचार का मिलना भी तय माना जा रहा है और बाघ द्वारा शिकार किये जाने की संभावना भी बन रही है। जानकारों का यह भी मानना है कि शायद वन अधिकारी भी इसी का इंतजार कर रहे है कि ऐसी कोई घटना सामने आए तो उच्च अधिकारियों से शेर को बेहोश कर पकड़ने की अनुमति मिल जाये और किस्सा हमेशा के लिए खत्म हो जाए।
इधर उत्तर वन मण्डल की डीएफओ राखी नंदा ने बताया कि सारणी में 9 सौ हेक्टेयर क्षेत्र है कई जगह दलदली इलाका भी है ऐसे में यह कह पाना सम्भव नही है कि बाघ भूखा है और उसने शिकार नहीं किया है। अभी भी हाथियों से सर्चिंग चल रही है। सौ से ज्यादा अधिकारी कर्मचारी लगे है। उन्होंने बताया कि एक दिसम्बर से ही क्षेत्र में बाघ का मूवमेंट है। भी पगमार्क मिले हैं।