मंदसौर। सनातन हिन्दू संस्कृति का सबसे बड़ा उत्सव विजयदशमी पर्व शुक्रवार को मंदसौर के कॉलेज ग्राउण्ड में मनाया जाएगा। शहर में मालवांचल के सबसे भव्य दशहरा उत्सव की सभी तैयारियां कर ली गई हैं। सायंकाल 6.30 बजे से सतरंगी आतिशबाजी के अद्भुत नजारों के साथ दशहरा उत्सव आरम्भ होगा। रावण का 51 फीट ऊंचा पुतला बनकर तैयार हो चुका है जिसे गुरुवार को खड़ा कर दिया गया। मेघनाथ एवं कुंभकर्ण के भी 41-41 फीट के पुतले बनाए गए है। दशहरा उत्सव के दौरान कोटा-बुन्दी के आतिशबाजों द्वारा गगनचुम्बी भव्य सतरंगी आतिशबाजी के नजारे पेश किए जाएंगे।
बीमारी से निजात के लिए की जाती है रावण की प्राचीन प्रतिमा की पूजानगर के खानपुरा में सीमेन्ट से निर्मित अतिप्राचीन रावण की विशालकाय प्रतिमा जो बैठी मुद्रा में है। दशहरे के पर्व पर शुक्रवार को प्रात: रावण की पूजा अर्चना की जाएगी। मान्यता के अनुसार रावण के पैरों में लछ्छा बांधने से नागरिकों को एकात्रा (बुखार) की बीमारी से निजात मिलती है।
इस बार आधे खर्च में बनाए गए पुतले
पिपलियामंडी। विजयादशमी पर इस बार 41 फिट के रावण के पुतले के साथ ही 18-18 फिट के मेघनाद व कुंभकर्ण के पुतलों का दहन होगा। यहां टीलाखेड़ा बालाजी मंदिर परिसर में कलाकार रावण के पुतले को तैयार करने में जुटे हुए हैं। हालांकि रावण दहन तो हर बार होता है, लेकिन इसमें खास बात यह है कि रावण के पुतले में भी हर बार की तरह होने वाले खर्च से आधी राशि में और अच्छा कार्य करने का टेंडर पिपलिया के किशोर रोचानी मित्र मंडल ने लिया है।