भोपाल। अपने बयानों से अक्सर कांग्रेस को मुसीबत में डालने वाले दिग्विजय सिंह ने चुनाव प्रचार से दूरी बना ली है। उनका कहना है कि उनके भाषण से कांग्रेस के वोट कटते हैं, इसलिए वो भाषण नहीं देंगे। भोपाल में पार्टी कार्यकर्ताओं से उन्होंने कहा, 'जिसको टिकल मिले, चाहे दुश्मन को मिल पर जिताओ। और मेरा काम केवल एक, कोई प्रचार नहीं, कोई भाषण नहीं। मेरे भाषण देने से तो कांग्रेस के वोट कट जाते हैं, इसलिए मैं जाता नहीं।'
मध्यप्रदेश में 28 नवंबर को वोटिंग होनी है, उससे पहले कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत वहां झोंक दी है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी राज्य के लगातार दौरे कर रहे हैं। सोमवार को ग्वालियर में राहुल गांधी ने रोड-शो किया। मंगलवार को भी वो श्योपुर, सबलगढ एवं जौरा में जनसभा व जौरा से मुरैना तक रोड-शो करेंगे। कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और चुनाव अभियान प्रमुख ज्योतिरादित्य सिंधिया साथ होंगे।
राहुल गांधी के रोड शो और रैलियों में भी कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया नजर आते हैं, जबकि दिग्विजय सिंह नदारद रहते हैं।
सोमवार को राहुल ने जब ग्वालियर में अचलेश्वर महादेव मंदिर में और दतिया स्थित मां पीताम्बरा शक्तिपीठ में जाकर पूजा-अर्चना की तो उनके साथ कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया थे। हाल ही में मध्यप्रदेश में कांग्रेस के साथ गठबंधन न होने के लिए बीएसपी मुखिया मायावती ने दिग्विजय सिंह को जिम्मेदार बताया था।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी में दिग्विजय सिंह जैसे बहुत से ऐसे नेता हैं जो नहीं चाहते हैं कि राज्य में गठबंधन हो। अब सवाल है कि दिग्विजय सिंह ने क्या कहा था। दरअसल दिग्विजय सिंह ने कहा था कि सीबीआई और ईडी से मायावती डरती हैं। सीबीआई और ईडी की डर की वजह से ही वो गठबंधन करने से डर रही हैं।